Category: Hindi Poems
बहुत कठिन है डगर पनघट की -अमीर ख़ुसरो Bahut Kathin hai dagar panghat ki – Amir Khusro बहुत कठिन है डगर पनघट की। कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से …
तुम अपनी हो, जग अपना है -भगवतीचरण वर्मा Tum Apni ho, jag apna hai -Bhagwati Charan Verma तुम अपनी हो, जग अपना है किसका किस पर अधिकार प्रिये फिर …
बसन्तोत्सव -भगवतीचरण वर्मा Bsantotsav -Bhagwati Charan Verma मस्ती से भरके जबकि हवा सौरभ से बरबस उलझ पड़ी तब उलझ पड़ा मेरा सपना कुछ नये-नये अरमानों से; गेंदा फूला …
अज्ञात देश से आना -भगवतीचरण वर्मा Agyat Desh se aana -Bhagwati Charan Verma मैं कब से ढूँढ़ रहा हूँ अपने प्रकाश की रेखा तम के तट पर अंकित है …
तुम सुधि बन-बनकर बार-बार -भगवतीचरण वर्मा Tum Sudhi ban banker baar-baar -Bhagwati Charan Verma तुम सुधि बन-बनकर बार-बार क्यों कर जाती हो प्यार मुझे? फिर विस्मृति बन तन्मयता का …
कुछ सुन लें, कुछ अपनी कह लें -भगवतीचरण वर्मा Kuch Sun Le Kuch apne kah le -Bhagwati Charan Verma कुछ सुन लें, कुछ अपनी कह लें । जीवन-सरिता …
मापदण्ड बदलो – दुष्यंत कुमार Mapdand badlo – Dushyant Kumar मेरी प्रगति या अगति का यह मापदण्ड बदलो तुम, जुए के पत्ते-सा मैं अभी अनिश्चित हूँ । मुझ …
फिर कर लेने दो प्यार प्रिये – दुष्यंत कुमार Phir kar lene do pyar priye – Dushyant Kumar अब अंतर में अवसाद नहीं चापल्य नहीं उन्माद नहीं सूना-सूना …