Category: Hindi Poems
स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से -गोपालदास नीरज Swapn jhare phool se meet chubhe shool se –Gopaldas Neeraj स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट …
मुस्कुराकर चल मुसाफिर -गोपालदास नीरज Muskurakar chal musafir –Gopaldas Neeraj पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें? …
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिये -गोपालदास नीरज Hai bahut andhiyar ab suraj nikalna chahiye –Gopaldas Neeraj है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए जिस तरह से भी …
मानव कवि बन जाता है -गोपालदास नीरज Manav kavi ban jata hai –Gopaldas Neeraj तब मानव कवि बन जाता है ! जब उसको संसार रुलाता, वह अपनों के समीप …
मेरा गीत दिया बन जाए -गोपालदास नीरज Mere Geet diya ban jaye –Gopaldas Neeraj अंधियारा जिससे शरमाये, उजियारा जिसको ललचाये, ऎसा दे दो दर्द मुझे तुम मेरा गीत …
आदमी को प्यार दो -गोपालदास नीरज Aadmi ko pyar do –Gopaldas Neeraj सूनी-सूनी ज़िंदगी की राह है, भटकी-भटकी हर नज़र-निगाह है, राह को सँवार दो, निगाह को निखार दो, …
खग ! उडते रहना जीवन भर! -गोपालदास नीरज Khag udte rehna jeevan bhar –Gopaldas Neeraj खग ! उडते रहना जीवन भर! भूल गया है तू अपना पथ, और नहीं …
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना -गोपालदास नीरज Jalao diye par rahe dhyan itna –Gopaldas Neeraj जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न …