Category: Hindi Poems
घूस माहात्म्य – काका हाथरसी Ghoos Mahatmay –Kaka Hasrati कभी घूस खाई नहीं, किया न भ्रष्टाचार ऐसे भोंदू जीव को बार-बार धिक्कार बार-बार धिक्कार, व्यर्थ है वह व्यापारी …
पुलिस-महिमा – काका हाथरसी Police Mahima –Kaka Hasrati पड़ा – पड़ा क्या कर रहा , रे मूरख नादान दर्पण रख कर सामने , निज स्वरूप पहचान निज स्वरूप …
दहेज की बारात – काका हाथरसी Dahej Ki Barat –Kaka Hasrati जा दिन एक बारात को मिल्यौ निमंत्रण-पत्र फूले-फूले हम फिरें, यत्र-तत्र-सर्वत्र यत्र-तत्र-सर्वत्र, फरकती बोटी-बोटी बा दिन अच्छी …
जम और जमाई – काका हाथरसी Jam Aur Jamai –Kaka Hasrati बड़ा भयंकर जीव है , इस जग में दामाद सास – ससुर को चूस कर, कर देता …
नाम-रूप का भेद – काका हाथरसी Naam roop ka bhed –Kaka Hasrati नाम – रूप के भेद पर कभी किया है ग़ौर ? नाम मिला कुछ और तो …
नगरपालिका वर्णन – काका हाथरसी Nagar Palika Varnan –Kaka Hasrati पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़ मक्खी , मच्छर , गंदगी का रहता हो राज का रहता …
नाम बड़े दर्शन छोटे – काका हाथरसी Naam bade darshan chote –Kaka Hasrati नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ …
कालिज स्टूडैंट – काका हाथरसी College student –Kaka Hasrati फादर ने बनवा दिये तीन कोट¸ छै पैंट¸ लल्लू मेरा बन गया कालिज स्टूडैंट। कालिज स्टूडैंट¸ हुए होस्टल में …