Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Pradeep’“Aao Bacho tumhe dikhaye, “आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ – प्रदीप Aao Bacho tumhe dikhaye -Pradeep   आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की  इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की  वंदे …

Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“Atulniya jinke pratap ka, “अतुलनीय जिनके प्रताप का ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अतुलनीय जिनके प्रताप का – रामनरेश त्रिपाठी Atulniya jinke pratap ka – Ramnaresh Tripathi   अतुलनीय जिनके प्रताप का, साक्षी है प्रत्यक्ष दिवाकर।  घूम घूम कर देख चुका है, …

Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“Aage badhe Chalenge, “आगे बढ़े चलेंगे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आगे बढ़े चलेंगे – रामनरेश त्रिपाठी Aage badhe Chalenge – Ramnaresh Tripathi   यदि रक्त बूँद भर भी होगा कहीं बदन में  नस एक भी फड़कती होगी समस्त तन …

Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“Anveshan, “अन्वेषण ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अन्वेषण – रामनरेश त्रिपाठी Anveshan – Ramnaresh Tripathi   मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में।  तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में॥  तू ‘आह’ …

Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“He prabhu Anannd Data , “हे प्रभु आनंददाता” Complete Poem for Class 10 and Class 12

हे प्रभु आनंददाता – रामनरेश त्रिपाठी He prabhu Anannd Data – Ramnaresh Tripathi   हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए, लीजिये हमको …

Hindi Poem of Ramnaresh Tripathi’“Vah Desh kon sa hai, “वह देश कौन-सा है” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वह देश कौन-सा है – रामनरेश त्रिपाठी Vah Desh kon sa hai – Ramnaresh Tripathi मन मोहनी प्रकृति की गोद में जो बसा है।  सुख स्वर्ग-सा जहाँ है वह …

Hindi Poem of Raskhan’“Kanha bhaye bas bansuri ke, “कान्ह भये बस बाँसुरी के ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कान्ह भये बस बाँसुरी के -रसखान Kanha bhaye bas bansuri ke -Raskhan   कान्ह भये बस बाँसुरी के, अब कौन सखी हमको चहिहै।  निसि द्यौस रहे यह आस लगी, …

Hindi Poem of Raskhan’“Ja Dinte nirkhyo nand-nandan, “जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन -रसखान Ja Dinte nirkhyo nand-nandan -Raskhan   जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन, कानि तजी घर बन्धन छूट्यो।  चारु बिलोकनिकी निसि मार, सँभार गयी मन मारने लूट्यो॥ …