Category: Hindi Poems
घूँघट का पट खोल रे, तोको पीव मिलेंगे -कबीर Ghungat ka pat khol re, took peev milenge -Kabir ke dohe घूँघट का पट खोल रे, तोको पीव मिलेंगे। घट-घट …
रे दिल गाफिल गफलत मत कर-कबीर Re dil gafil gaflat mat kar -Kabir ke dohe रे दिल गाफिल गफलत मत कर, एक दिना जम आवेगा ॥ सौदा करने …
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में -कबीर Man lagyo mero yaar fakiri mein -Kabir ke dohe मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥ जो सुख पाऊँ राम भजन में …
तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया खाय के -कबीर Tune Raat gavayi soy eke divas gavaya khay ke -Kabir ke dohe तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया …
केहि समुझावौ सब जग अन्धा -कबीर Kohi sujhavo sab jag dhandha -Kabir ke dohe केहि समुझावौ सब जग अन्धा ॥ इक दुइ होयॅं उन्हैं समुझावौं, सबहि भुलाने पेटके …
झीनी झीनी बीनी चदरिया-कबीर Jhini Jhini Bini chdriya -Kabir ke dohe झीनी झीनी बीनी चदरिया ॥ काहे कै ताना काहे कै भरनी, कौन तार से बीनी चदरिया ॥ …
दिवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ -कबीर Divane man, bhajan bin dukh peho -Kabir ke dohe दिवाने मन, भजन बिना दुख पैहौ ॥ पहिला जनम भूत का पै हौ, …
भजो रे भैया राम गोविंद हरी -कबीर Bhajo re bheya Ram Govind Hari -Kabir ke dohe भजो रे भैया राम गोविंद हरी । राम गोविंद हरी भजो रे …