Category: Hindi Poems
राम बिनु तन को ताप न जाई -कबीर Ram Binu tan ko taap na jai -Kabir ke dohe राम बिनु तन को ताप न जाई । जल में …
बीत गये दिन भजन बिना रे -कबीर Beet gye din bhajan bir re -Kabir ke dohe बीत गये दिन भजन बिना रे । भजन बिना रे, भजन बिना रे …
तेरा मेरा मनुवां – कबीर Tera mere manuva -Kabir ke dohe तेरा मेरा मनुवां तेरा मेरा मनुवां कैसे एक होइ रे । मै कहता हौं आँखन देखी, तू कहता …
मोको कहां ढूढें तू बंदे मैं तो तेरे पास मे -कबीर Moko Kahan dhunde tu bande mein to tere pas me -Kabir ke dohe मोको कहां ढूढें तू बंदे …
प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय – कबीर Prem na Badi upje, prem na jaat bikay -Kabir ke dohe प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय। …
हमन है इश्क मस्ताना-कबीर Haman Hai Ishk Mastana -Kabir ke dohe हमन है इश्क मस्ताना हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ? रहें आजाद या जग …
कस्तूरी कुँडल बसै, मृग ढ़ुढ़े बब माहिँ-कबीर Kasturi Kundan Base, Mrig Dhudhe Bab Mahi -Kabir ke dohe कस्तूरी कुँडल बसै, मृग ढ़ुढ़े बब माहिँ. ऎसे घटि घटि राम …
रहना नहिं देस बिराना है -कबीर Rahna nahi des Brana Hai -Kabir ke dohe रहना नहिं देस बिराना है। यह संसार कागद की पुडिया, बूँद पडे गलि जाना …