Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Kabir “Man Mast Hua Tab kyon Bole , “मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै  -कबीर Man Mast Hua Tab kyon Bole -Kabir ke dohe   मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै। हीरा पायो गाँठ गँठियायो, बार-बार वाको …

Hindi Poem of Kabir “Bhram Bindhoswa ka ang, “भ्रम-बिधोंसवा का अंग ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

भ्रम-बिधोंसवा का अंग -कबीर Bhram Bindhoswa ka ang -Kabir   जेती देखौं आत्मा, तेता सालिगराम । साधू प्रतषि देव हैं, नहीं पाथर सूं काम ॥1॥ जप तप दीसैं थोथरा, …

Hindi Poem of Kabir “Karam gati tare nahin tari, “करम गति टारै नाहिं टरी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

करम गति टारै नाहिं टरी -कबीर Karam gati tare nahin tari -Kabir   करम गति टारै नाहिं टरी॥ मुनि वसिस्थ से पण्डित ज्ञानी, सिधि के लगन धरि। सीता हरन …

Hindi Poem of Kabir “Updesh ka ang, “उपदेश का अंग ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

उपदेश का अंग -कबीर Updesh ka ang -Kabir   बैरागी बिरकत भला, गिरही चित्त उदार। दुहुं चूका रीता पड़ैं , वाकूं वार न पार॥1॥ ‘कबीर’ हरि के नाव सूं, …

Hindi Poem of Kabir “Madhi ka ang, “मधि का अंग ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मधि का अंग -कबीर Madhi ka ang -Kabir   ‘कबीर’दुबिधा दूरि करि,एक अंग ह्वै लागि । यहु सीतल बहु तपति है, दोऊ कहिये आगि ॥1॥ दुखिया मूवा दुख कौं, …

Hindi Poem of Kabir “Neya padi majhdhar guru bin kese lage paar, “नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार -कबीर Neya padi majhdhar guru bin kese lage paar -Kabir   नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार ॥ साहिब …

Hindi Poem of Kabir “Jeevan Mritak ka ang, “जीवन-मृतक का अंग ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जीवन-मृतक का अंग -कबीर Jeevan Mritak ka ang -Kabir   ‘कबीर मन मृतक भया, दुर्बल भया सरीर । तब पैंडे लागा हरि फिरै, कहत कबीर ,कबीर ॥1॥ जीवन तै …