Category: Hindi Poems
केसरि से बरन सुबरन -बिहारी लाल Kesari se baran subran – Bihari Lal Chaube केसरि से बरन सुबरन बरन जीत्यौ। बरनीं न जाइ अवरन बै गई॥ कहत बिहारी …
जानत नहिं लगि मैं -बिहारी लाल Janat nahi lagi mein – Bihari Lal Chaube जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै। तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध …
बौरसरी मधुपान छक्यौ -बिहारी लाल Borsari Madhupan Chakyo – Bihari Lal Chaube बौरसरी मधुपान छक्यौ, मकरन्द भरे अरविन्द जु न्हायौ। माधुरी कुंज सौं खाइ धका, परि केतकि पाँडर …
पावस रितु बृन्दावनकी -बिहारी लाल Pasav ritu Brindavanki – Bihari Lal Chaube पावस रितु बृन्दावन की दुति दिन-दिन दूनी दरसै है। छबि सरसै है लूमझूम यो सावन घन …
जाके लिए घर आई घिघाय -बिहारी लाल Jake liye ghar aai ghighaya – Bihari Lal Chaube जाके लिए घर आई घिघाय, करी मनुहारि उती तुम गाढ़ी। आजु लखैं …
प्रेतिनी पिसाच अरु निसाचर निशाचरहू – भूषण Pretini Pichas aru nisachar nishacharahu – Bhushan प्रेतिनी पिसाच अरु निसाचर निशाचरहू, मिलि मिलि आपुस में गावत बधाई हैं . भैरो …
ता दिन अखिल खलभलै खल खलक में – भूषण Ta din akhari khalbhale khal khalak mein – Bhushan ता दिन अखिल खलभलै खल खलक में, जा दिन सिवाजी …
तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार – भूषण Tere hi bhujan par bhutal ko bhar – Bhushan तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार , कहिबे को …