Category: Hindi Poems
गरुड़ को दावा जैसे नाग के समूह पर – भूषण Garud ko dava jesa naag ke samuh par – Bhushan गरुड़ को दावा जैसे नाग के समूह पर …
राखी हिन्दुवानी हिन्दुवान को तिलक राख्यौ – भूषण Rakhi Hindustani Hinduvan ko Tilak rakhayo – Bhushan राखी हिन्दुवानी हिन्दुवान को तिलक राख्यौ अस्मृति पुरान राखे वेद धुन सुनी …
इन्द्र जिमि जम्भ पर – भूषण Indra jimi Jambh Par – Bhushan इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, …
ऊधो जो अनेक मन होते – भारतेंदु हरिश्चंद्र Udho jo anek man hote – Bhartendu Harishchandra ऊधो जो अनेक मन होते तो इक श्याम-सुन्दर को देते, इक लै …
अंग्रेज स्तोत्र – भारतेंदु हरिश्चंद्र Angrej Stotra – Bhartendu Harishchandra विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् । स्टारार्थी लभते स्टारम् मोक्षार्थी लभते गतिं ।। एक कालं द्विकालं च …
मेरे नयना भये चकोर – भारतेंदु हरिश्चंद्र Mere Nayan Bhaye Chakor – Bhartendu Harishchandra मेरे नयना भये चकोर . अनुदिन निरखत श्याम चन्द्रमा सुन्दर नंदकिशोर . तनिक भये …
होली – भारतेंदु हरिश्चंद्र Holi – Bhartendu Harishchandra कैसी होरी खिलाई। आग तन-मन में लगाई॥ पानी की बूँदी से पिंड प्रकट कियो सुंदर रूप बनाई। पेट अधम के …
मातृभाषा प्रेम पर दोहे – भारतेंदु हरिश्चंद्र Matribhasha prem par dohe – Bhartendu Harishchandra निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय …