Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Apne Hi man Se Kuch Bole , “अपने ही मन से कुछ बोलें ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अपने ही मन से कुछ बोलें -अटल बिहारी वाजपेयी Apne Hi man Se Kuch Bole – Atal Bihari Vajpayee क्या खोया, क्या पाया जग में मिलते और बिछुड़ते मग …

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Jhuk Nahi Sakte , “झुक नहीं सकते ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

झुक नहीं सकते -अटल बिहारी वाजपेयी Jhuk Nahi Sakte – Atal Bihari Vajpayee टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते सत्य का संघर्ष सत्ता से न्याय लड़ता निरंकुशता …

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Unchai , “ऊँचाई ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ऊँचाई -अटल बिहारी वाजपेयी Unchai – Atal Bihari Vajpayee ऊँचे पहाड़ पर, पेड़ नहीं लगते, पौधे नहीं उगते, न घास ही जमती है। जमती है सिर्फ बर्फ, जो, कफ़न …

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Punha Chamkega Dinkar, “पुनः चमकेगा दिनकर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पुनः चमकेगा दिनकर -अटल बिहारी वाजपेयी Punha Chamkega Dinkar – Atal Bihari Vajpayee आज़ादी का दिन मना, नई ग़ुलामी बीच; सूखी धरती, सूना अंबर, मन-आंगन में कीच; मन-आंगम में …

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Kadam Milkar Chalna Hoga , “क़दम मिला कर चलना होगा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

क़दम मिला कर चलना होगा -अटल बिहारी वाजपेयी Kadam Milkar Chalna Hoga – Atal Bihari Vajpayee   बाधाएँ आती हैं आएँ घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे …

Hindi Poem of Atal Bihari Vajpayee “Aao Phir Se Diya Jalayen , “आओ फिर से दिया जलाएँ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी Aao Phir Se Diya Jalayen – Atal Bihari Vajpayee   आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई …

Hindi Poem of Makhan Lal Chaturvedi “Tum Mand Chalo , “तुम मन्द चलो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तुम मन्द चलो -माखन लाल चतुर्वेदी Tum Mand Chalo – Makhan Lal Chaturvedi   तुम मन्द चलो, ध्वनि के खतरे बिखरे मग में- तुम मन्द चलो। सूझों का पहिन …

Hindi Poem of Makhan Lal Chaturvedi “Mujhe Rone Do, “मुझे रोने दो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मुझे रोने दो -माखन लाल चतुर्वेदी Mujhe Rone Do – – Makhan Lal Chaturvedi   भाई, छेड़ो नहीं, मुझे खुलकर रोने दो। यह पत्थर का हृदय आँसुओं से धोने …