Category: Hindi Poems
साँस के प्रश्नचिन्हों, लिखी स्वर-कथा -माखन लाल चतुर्वेदी Saans ke prashanchinho, likhi swar-katha – Makhan Lal Chaturvedi साँस के प्रश्न-चिह्नों, लिखी स्वर-कथा क्या व्यथा में घुली, बावली हो …
यौवन का पागलपन -माखन लाल चतुर्वेदी Yovan ka pagalpan – Makhan Lal Chaturvedi हम कहते हैं बुरा न मानो, यौवन मधुर सुनहली छाया। सपना है, जादू है, छल …
यह किसका मन डोला -माखन लाल चतुर्वेदी Yah Kiska Man dola – Makhan Lal Chaturvedi यह किसका मन डोला? मृदुल पुतलियों के उछाल पर, पलकों के हिलते तमाल …
तुम्हारा चित्र -माखन लाल चतुर्वेदी Tumhara Chitra – Makhan Lal Chaturvedi मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया कुछ नीले कुछ श्वेत गगन पर हरे-हरे घन श्यामल वन पर द्रुत …
दीप से दीप जले -माखन लाल चतुर्वेदी Deep se Deep Jale – Makhan Lal Chaturvedi सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलें कर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण …
वरदान या अभिशाप? -माखन लाल चतुर्वेदी Vardan ya Abhishap – Makhan Lal Chaturvedi कौन पथ भूले, कि आये ! स्नेह मुझसे दूर रहकर कौनसे वरदान पाये? यह किरन-वेला …
जाड़े की साँझ -माखन लाल चतुर्वेदी Jade ki sanjh – Makhan Lal Chaturvedi किरनों की शाला बन्द हो गई चुप-चपु अपने घर को चल पड़ी सहस्त्रों हँस-हँस उ …
उठ महान -माखन लाल चतुर्वेदी Uth Mahan – Makhan Lal Chaturvedi उठ महान! तूने अपना स्वर, यों क्यों बेच दिया? प्रज्ञा दिग्वसना, कि प्राण का, पट क्यों खेंच …