Category: Hindi Poems
वायु -माखन लाल चतुर्वेदी Vayu – Makhan Lal Chaturvedi चल पडी चुपचाप सन-सन-सन हवा, डालियों को यों चिढाने-सी लगी, आंख की कलियां, अरी, खोलो जरा, हिल स्वपतियों को …
समय के समर्थ अश्व -माखन लाल चतुर्वेदी Samay ke samarth ashav – Makhan Lal Chaturvedi समय के समर्थ अश्व मान लो आज बन्धु! चार पाँव ही चलो। छोड़ …
जीवन, यह मौलिक महमानी -माखन लाल चतुर्वेदी Jeevan, yah molik mamani – Makhan Lal Chaturvedi जीवन, यह मौलिक महमानी! खट्टा, मीठा, कटुक, केसला कितने रस, कैसी गुण-खानी हर …
लड्डू ले लो -माखन लाल चतुर्वेदी Laddu Le Lo – Makhan Lal Chaturvedi ले लो दो आने के चार लड्डू राज गिरे के यार यह हैं धरती जैसे …
जवानी -माखन लाल चतुर्वेदी Jwani – Makhan Lal Chaturvedi प्राण अन्तर में लिये, पागल जवानी! कौन कहता है कि तू विधवा हुई, खो आज पानी? चल रहीं घड़ियाँ, चले …
ये प्रकाश ने फैलाये हैं -माखन लाल चतुर्वेदी Ye Prakash ne phelaye hein – Makhan Lal Chaturvedi ये प्रकाश ने फैलाये हैं पैर, देख कर ख़ाली में अन्धकार …
तुम मिले -माखन लाल चतुर्वेदी Num Mile – Makhan Lal Chaturvedi तुम मिले, प्राण में रागिनी छा गई! भूलती-सी जवानी नई हो उठी, भूलती-सी कहानी नई हो उठी, …
कैदी और कोकिला -माखन लाल चतुर्वेदी Kedi aur Kokila – Makhan Lal Chaturvedi क्या गाती हो? क्यों रह-रह जाती हो? कोकिल बोलो तो! क्या लाती हो? सन्देशा किसका …