Category: Hindi Poems
किसी भी शहर में जाओ Kisi bhi shahar me jao किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो कोई फ़ज़ा कोई मंज़र किसी के नाम करो. दुआ सलाम …
अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये Apna gam leke kahi aur na jaya jaye अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई …
कठ-पुतली है या जीवन है Kath putli he ya jeevan he कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ …
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं Apni marji se kaha apne safar ke hum he अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ …
जितनी बुरी कही जाती है Jitni buri kahi jati he जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली …
दिन सलीक़े से उगा, रात ठिकाने से रही Din salike se uga raat thikane se rahi दिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रही दोस्ती अपनी भी कुछ …
जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी Jab bhi kisi ne khud ko sada di जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी सन्नाटों में आग लगा …
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा Har ghadi khud se ulajhna he mukaddar mera हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्ती हूँ …