Category: Hindi Poems
बदरिया थम-थमकर झर री ! -माखन लाल चतुर्वेदी Badariya tham-thamkar Jhar ri – Makhan Lal Chaturvedi बदरिया थम-थनकर झर री ! सागर पर मत भरे अभागन गागर को …
चलो छिया-छी हो अन्तर में -माखन लाल चतुर्वेदी Cholo Chiya chi ho antar mein – Makhan Lal Chaturvedi चलो छिया-छी हो अन्तर में! तुम चन्दा, मैं रात सुहागन। …
बसंत मनमाना -माखन लाल चतुर्वेदी Basant Manmana – Makhan Lal Chaturvedi चादर-सी ओढ़ कर ये छायाएँ तुम कहाँ चले यात्री, पथ तो है बाएँ। धूल पड़ गई है …
कैसी है पहिचान तुम्हारी -माखन लाल चतुर्वेदी Kesi he Pahichan Tumhari – Makhan Lal Chaturvedi कैसी है पहिचान तुम्हारी, राह भूलने पर मिलते हो! पथरा चलीं पुतलियाँ, मैंने …
फुंकरण कर, रे समय के साँप -माखन लाल चतुर्वेदी Phunkaran kar re samay ke saamp – Makhan Lal Chaturvedi फुंकरण कर, रे समय के साँप कुंडली मत मार, …
बलि-पन्थी से -माखन लाल चतुर्वेदी Bali-Panthi se – Makhan Lal Chaturvedi मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल, कह फूल-फूल, सह फूल-फूल। हरि को ही-तल में बन्द किये, केहरि से कह …
तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी Tan ki Maror – Makhan Lal Chaturvedi तू न तान की मरोर देख, एक साथ चल, तू न ज्ञान-गर्व-मत्त– शोर, देख साथ …
तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी Tan ki Maror – Makhan Lal Chaturvedi तू न तान की मरोर देख, एक साथ चल, तू न ज्ञान-गर्व-मत्त– शोर, देख साथ …