Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Pratiksha”, “प्रतीक्षा” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्रतीक्षा -सुभद्रा कुमारी चौहान Pratiksha – Subhadra Kumari Chauhan   बिछा प्रतीक्षा-पथ पर चिंतित नयनों के मदु मुक्ता-जाल। उनमें जाने कितनी ही अभिलाषाओं के पल्लव पाल॥ बिता दिए मैंने …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Prabhu tum mere man ki jano ”, “प्रभु तुम मेरे मन की जानो” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्रभु तुम मेरे मन की जानो -सुभद्रा कुमारी चौहान Prabhu tum mere man ki jano – Subhadra Kumari Chauhan   मैं अछूत हूँ, मंदिर में आने का मुझको अधिकार …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Pratham Darshan”, “प्रथम दर्शन” Complete Poem for Class 10 and Class 12

प्रथम दर्शन -सुभद्रा कुमारी चौहान Pratham Darshan – Subhadra Kumari Chauhan   प्रथम जब उनके दर्शन हुए, हठीली आँखें अड़ ही गईं। बिना परिचय के एकाएक हृदय में उलझन …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Neem”, “नीम ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नीम -सुभद्रा कुमारी चौहान Neem – Subhadra Kumari Chauhan   सब दुखहरन सुखकर परम हे नीम! जब देखूँ तुझे। तुहि जानकर अति लाभकारी हर्ष होता है मुझे॥ ये लहलही …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Poocho”, “पूछो” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पूछो -सुभद्रा कुमारी चौहान Poocho – Subhadra Kumari Chauhan   विफल प्रयत्न हुए सारे, मैं हारी, निष्ठुरता जीती। अरे न पूछो, कह न सकूँगी, तुमसे मैं अपनी बीती॥ नहीं …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Pani Aur Dhoop”, “पानी और धूप” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पानी और धूप -सुभद्रा कुमारी चौहान Pani Aur Dhoop – Subhadra Kumari Chauhan   अभी अभी थी धूप, बरसने लगा कहाँ से यह पानी किसने फोड़ घड़े बादल के …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Parichay ”, “परिचय” Complete Poem for Class 10 and Class 12

परिचय -सुभद्रा कुमारी चौहान Parichay – Subhadra Kumari Chauhan   क्या कहते हो कुछ लिख दूँ मैं ललित-कलित कविताएं। चाहो तो चित्रित कर दूँ जीवन की करुण कथाएं॥ सूना …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Jhilmil Tare”, “झिलमिल तारे” Complete Poem for Class 10 and Class 12

झिलमिल तारे -सुभद्रा कुमारी चौहान Jhilmil Tare – Subhadra Kumari Chauhan   कर रहे प्रतीक्षा किसकी हैं झिलमिल-झिलमिल तारे? धीमे प्रकाश में कैसे तुम चमक रहे मन मारे।। अपलक …