Category: Hindi Poems
ठुकरा दो या प्यार करो -सुभद्रा कुमारी चौहान Thukrado do ya pyar karo – Subhadra Kumari Chauhan देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं सेवा में …
झाँसी की रानी की समाधि पर -सुभद्रा कुमारी चौहान Jhansi ki rani ki samadhi par – Subhadra Kumari Chauhan इस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की …
तुम -सुभद्रा कुमारी चौहान Tum – Subhadra Kumari Chauhan जब तक मैं मैं हूँ, तुम तुम हो, है जीवन में जीवन। कोई नहीं छीन सकता तुमको मुझसे मेरे …
खिलौनेवाला -सुभद्रा कुमारी चौहान Khilonewala – Subhadra Kumari Chauhan वह देखो माँ आज खिलौनेवाला फिर से आया है। कई तरह के सुंदर-सुंदर नए खिलौने लाया है। हरा-हरा तोता …
जीवन-फूल -सुभद्रा कुमारी चौहान Jeevan-Phool – Subhadra Kumari Chauhan मेरे भोले मूर्ख हृदय ने कभी न इस पर किया विचार। विधि ने लिखी भाल पर मेरे सुख की …
चिंता -सुभद्रा कुमारी चौहान Chinta – Subhadra Kumari Chauhan लगे आने, हृदय धन से कहा मैंने कि मत आओ। कहीं हो प्रेम में पागल न पथ में ही …
चलते समय -सुभद्रा कुमारी चौहान Chale Samay – Subhadra Kumari Chauhan तुम मुझे पूछते हो ’जाऊँ’? मैं क्या जवाब दूँ, तुम्हीं कहो! ’जा…’ कहते रुकती है जबान, किस …
इसका रोना -सुभद्रा कुमारी चौहान Iska Rona – Subhadra Kumari Chauhan तुम कहते हो – मुझको इसका रोना नहीं सुहाता है। मैं कहती हूँ – इस रोने से …