Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Patrokanthit jeevan ka vish ”, “पत्रोत्कंठित जीवन का विष” Complete Poem for Class 10 and Class 12

पत्रोत्कंठित जीवन का विष -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Patrokanthit jeevan ka vish – Suryakant Tripathi “Nirala” पत्रोत्कंठित जीवन का विष बुझा हुआ है, आज्ञा का प्रदीप जलता है हृदय-कुंज में, …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Sneh-Nirjhar bah Gya hai ”, “स्नेह-निर्झर बह गया है” Complete Poem for Class 10 and Class 12

स्नेह-निर्झर बह गया है -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Sneh-Nirjhar bah Gya hai – Suryakant Tripathi “Nirala” स्नेह-निर्झर बह गया है! रेत ज्यों तन रह गया है। आम की यह डाल …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Aaj Pratham Gai Pik”, “आज प्रथम गाई पिक” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आज प्रथम गाई पिक -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Aaj Pratham Gai Pik – Suryakant Tripathi “Nirala”   आज प्रथम गाई पिक पञ्चम। गूंजा है मरु विपिन मनोरम। मरुत-प्रवाह, कुसुम-तरु फूले, …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Khoon Ki holi jop kheli, “ख़ून की होली जो खेली” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ख़ून की होली जो खेली -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Khoon Ki holi jop kheli – Suryakant Tripathi “Nirala” युवकजनों की है जान; ख़ून की होली जो खेली। पाया है लोगों …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Ukti ”, “उक्ति” Complete Poem for Class 10 and Class 12

उक्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Ukti – Suryakant Tripathi “Nirala”   कुछ न हुआ, न हो, मुझे विश्व का सुख, श्री, यदि केवल पास तुम रहो! मेरे नभ के बादल …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Dalit Jan par Karo Karuna ”, “दलित जन पर करो करुणा” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दलित जन पर करो करुणा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Dalit Jan par Karo Karuna – Suryakant Tripathi “Nirala”   दलित जन पर करो करुणा। दीनता पर उतर आये प्रभु, तुम्हारी …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Bhar Dete Ho ”, “भर देते हो ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

भर देते हो -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bhar Dete Ho – Suryakant Tripathi “Nirala” भर देते हो बार-बार, प्रिय, करुणा की किरणों से क्षुब्ध हृदय को पुलकित कर देते हो …

Hindi Poem of Suryakant Tripathi “Nirala” “Rang Gai Pag-Pag Dhanya Dhara ”, “रँग गई पग-पग धन्य धरा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

रँग गई पग-पग धन्य धरा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Rang Gai Pag-Pag Dhanya Dhara – Suryakant Tripathi “Nirala”   रँग गई पग-पग धन्य धरा,— हुई जग जगमग मनोहरा । वर्ण …