Category: Hindi Poems
भारती वन्दना -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bharati Vandana – Suryakant Tripathi “Nirala” भारती, जय, विजय करे कनक – शस्य – कमल धरे! लंका पदतल – शतदल गर्जितोर्मि सागर – …
मरा हूँ हज़ार मरण -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Mara Hu Hajar Maran – Suryakant Tripathi “Nirala” मरा हूँ हज़ार मरण पाई तब चरण-शरण । फैला जो तिमिर जाल कट-कटकर रहा …
वर दे वीणावादिनी वर दे ! -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Var De Vinavadini var de – Suryakant Tripathi “Nirala” वर दे, वीणावादिनि वर दे ! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव …
वे किसान की नयी बहू की आँखें -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Ve Kisan Ki nayi bahu ki Aankhen – Suryakant Tripathi “Nirala” नहीं जानती जो अपने को खिली हुई …
मुक्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Mukti – Suryakant Tripathi “Nirala” तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा पत्थर, की निकलो फिर, गंगा-जल-धारा! गृह-गृह की पार्वती! पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती उर-उर की बनो आरती!– …
प्राप्ति -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Prapti – Suryakant Tripathi “Nirala” तुम्हें खोजता था मैं, पा नहीं सका, हवा बन बहीं तुम, जब मैं थका, रुका। मुझे भर लिया तुमने …
वन बेला -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Van Bela – Suryakant Tripathi “Nirala” वर्ष का प्रथम पृथ्वी के उठे उरोज मंजु पर्वत निरुपम किसलयों बँधे, पिक भ्रमर-गुंज भर मुखर प्राण …
प्रिय यामिनी जागी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Priya Yamini Jagi – Suryakant Tripathi “Nirala” प्रिय यामिनी जागी। अलस पंकज-दृग अरुण-मुख तरुण-अनुरागी। खुले केश अशेष शोभा भर रहे, पृष्ठ-ग्रीवा-बाहु-उर पर …