Category: Hindi Poems
पथ आंगन पर रखकर आई -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला c – Suryakant Tripathi “Nirala” पल्लव – पल्लव पर हरियाली फूटी, लहरी डाली-डाली, बोली कोयल, कलि की प्याली मधु भरकर …
तुम और मैं -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Tum Aur Mein – Suryakant Tripathi “Nirala” तुम तुंग – हिमालय – श्रृंग और मैं चंचल-गति सुर-सरिता। तुम विमल हृदय उच्छवास और …
दीन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Deen – Suryakant Tripathi “Nirala” सह जाते हो उत्पीड़न की क्रीड़ा सदा निरंकुश नग्न, हृदय तुम्हारा दुबला होता नग्न, अन्तिम आशा के कानों में …
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bandho na Nav is Thanv Bandu – Suryakant Tripathi “Nirala” बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु! पूछेगा सारा गाँव, …
गर्म पकौड़ी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Garm Pakodi – Suryakant Tripathi “Nirala” गर्म पकौड़ी, ऐ गर्म पकौड़ी! तेल की भुनी, नमक मिर्च की मिली, ऐ गर्म पकौड़ी! मेरी जीभ …
कुत्ता भौंकने लगा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Kutta Bhonkne Laga – Suryakant Tripathi “Nirala” आज ठंडक अधिक है। बाहर ओले पड़ चुके हैं, एक हफ़्ता पहले पाला पड़ा था– …
प्रियतम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Priyatam – Suryakant Tripathi “Nirala” एक दिन विष्णु जी के पास गए नारद जी, पूछा, “मृत्युलोक में कौन है पुण्यश्यलोक भक्त तुम्हारा प्रधान?” विष्णु …
गीत गाने दो मुझे -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Geet Gane do Mujhe – Suryakant Tripathi “Nirala” गीत गाने दो मुझे तो, वेदना को रोकने को। चोट खाकर राह चलते …