Category: Hindi Poems
अट नहीं रही है -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला At nahi rahi hai – Suryakant Tripathi “Nirala” अट नहीं रही है, आभा फागुन की तन, सट नहीं रही है। कहीं …
ध्वनि -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Dhwani – Suryakant Tripathi “Nirala” अभी न होगा मेरा अन्त अभी-अभी ही तो आया है मेरे वन में मृदुल वसन्त- अभी न होगा मेरा …
टूटें सकल बन्ध -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Tute Sakal Bandhan – Suryakant Tripathi “Nirala” टूटें सकल बन्ध कलि के, दिशा-ज्ञान-गत हो बहे गन्ध। रुद्ध जो धार रे शिखर – निर्झर …
शरण में जन, जननि -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Sharan Mein Jan, Janani – Suryakant Tripathi “Nirala” अनगिनित आ गये शरण में जन, जननि- सुरभि-सुमनावली खुली, मधुऋतु अवनि! स्नेह से …
मार दी तुझे पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Maar Di Tujhe Pichkari – Suryakant Tripathi “Nirala” मार दी तुझे पिचकारी, कौन री, रँगी छबि यारी ? फूल -सी देह,- …
बापू, तुम मुर्गी खाते यदि… -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bapu tum Murgi Khate Yati – Suryakant Tripathi “Nirala” बापू, तुम मुर्गी खाते यदि तो क्या भजते होते तुमको ऐरे-ग़ैरे …
भिक्षुक -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bhikshuk – Suryakant Tripathi “Nirala” वह आता– दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा …
जो तुम आ जाते एक बार -महादेवी वर्मा Jo tum a Jata ek baar – Mahadevi Verma जो तुम आ जाते एक बार कितनी करूणा कितने संदेश पथ …