Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Teri Sudkhi bin ”, “तेरी सुधि बिन” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तेरी सुधि बिन -महादेवी वर्मा Teri Sudkhi bin – Mahadevi Verma   तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना। कम्पित कम्पित, पुलकित पुलकित, परछाईं मेरी से चित्रित, रहने दो रज …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Deepak Chitera ”, “दीपक चितेरा ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दीपक चितेरा -महादेवी वर्मा Deepak Chitera- Mahadevi Verma   सजल है कितना सवेरा गहन तम में जो कथा इसकी न भूला अश्रु उस नभ के, चढ़ा शिर फूल फूला …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Jo mukhrit kar jati thi ”, “जो मुखरित कर जाती थीं ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जो मुखरित कर जाती थीं -महादेवी वर्मा Jo mukhrit kar jati thi – Mahadevi Verma   जो मुखरित कर जाती थीं मेरा नीरव आवाहन, मैं नें दुर्बल प्राणों की …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Ve Muskrate Phool nahi ”, “वे मुस्कराते फूल नहीं ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वे मुस्कराते फूल नहीं -महादेवी वर्मा Ve Muskrate Phool nahi – Mahadevi Verma   वे मुस्कराते फूल नहीं जिनको आता है मुरझाना वे तारों के दीप नहीं जिनको भाता …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Tum Mujhme priya ”, “तुम मुझमें प्रिय ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

तुम मुझमें प्रिय -महादेवी वर्मा Tum Mujhme priya – Mahadevi Verma   तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! तारक में छवि, प्राणों में स्मृति पलकों में नीरव पद की …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Ve madhu Din jinki Smritiyon ki ”, “वे मधु दिन जिनकी स्मृतियों की ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वे मधु दिन जिनकी स्मृतियों की -महादेवी वर्मा Ve madhu Din jinki Smritiyon ki – Mahadevi Verma   वे मधु दिन जिनकी स्मृतियों की धुँधली रेखायें खोईं, चमक उठेंगे …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Yah Mandir ka deep ”, “यह मंदिर का दीप” Complete Poem for Class 10 and Class 12

यह मंदिर का दीप -महादेवी वर्मा Yah Mandir ka deep – Mahadevi Verma   यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दो रजत शंख घड़ियाल स्वर्ण वंशी-वीणा-स्वर, गये आरती …

Hindi Poem of Mahadevi Verma “Mere Deepak ”, “मेरे दीपक ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मेरे दीपक -महादेवी वर्मा Mere Deepak – Mahadevi Verma   मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल प्रियतम का पथ आलोकित कर! सौरभ फैला विपुल धूप बन मृदुल …