Category: Hindi Poems
अधिकार -महादेवी वर्मा Adhikar – Mahadevi Verma वे मुस्काते फूल, नहीं जिनको आता है मुर्झाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना। वे नीलम के …
तम में बनकर दीप -महादेवी वर्मा Tam me bankar deep – Mahadevi Verma उर तिमिरमय घर तिमिरमय चल सजनि दीपक बार ले! राह में रो रो गये हैं …
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! -महादेवी वर्मा Madhur-Madhur mere Deepak jal – Mahadevi Verma मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल प्रियतम का पथ आलोकित कर! सौरभ फैला …
बताता जा रे अभिमानी! -महादेवी वर्मा Bata Ja re Abhimani – Mahadevi Verma बताता जा रे अभिमानी! कण-कण उर्वर करते लोचन स्पन्दन भर देता सूनापन जग का धन …
पूछता क्यों शेष कितनी रात? -महादेवी वर्मा Puchta Kyo shesh kitni raat – Mahadevi Verma पूछता क्यों शेष कितनी रात? छू नखों की क्रांति चिर संकेत पर जिनके …
दीपक अब रजनी जाती रे -महादेवी वर्मा Deepak an Rajni Jati re – Mahadevi Verma दीपक अब रजनी जाती रे जिनके पाषाणी शापों के तूने जल जल बंध …
अलि अब सपने की बात -महादेवी वर्मा Ali Ab Sapne Ki Baat – Mahadevi Verma अलि अब सपने की बात, हो गया है वह मधु का प्रात:! जब …
प्रिय चिरन्तन है -महादेवी वर्मा Priy Chintan hai – Mahadevi Verma प्रिय चिरंतन है सजनि, क्षण-क्षण नवीन सुहासिनी मै! श्वास में मुझको छिपाकर वह असीम विशाल चिर घन …