Category: Hindi Poems
किसी का दीप निष्ठुर हूँ -महादेवी वर्मा Kisi Ka Deep Nishthur hu – Mahadevi Verma शलभ मैं शापमय वर हूँ! किसी का दीप निष्ठुर हूँ! ताज है जलती …
सब आँखों के आँसू उजले -महादेवी वर्मा Sab Aankho ke Aansu Ujle – Mahadevi Verma सब आँखों के आँसू उजले सबके सपनों में सत्य पला! जिसने उसको ज्वाला …
जीवन दीप -महादेवी वर्मा Jeevan Deep – Mahadevi Verma किन उपकरणों का दीपक, किसका जलता है तेल? किसकी वृत्ति, कौन करता इसका ज्वाला से मेल? शून्य काल के …
उत्तर -महादेवी वर्मा Uttar – Mahadevi Verma इस एक बूँद आँसू में, चाहे साम्राज्य बहा दो, वरदानों की वर्षा से, यह सूनापन बिखरा दो; इच्छाओं की कम्पन से, …
शून्य से टकरा कर सुकुमार -महादेवी वर्मा Shunya se Takra kar Sukumar – Mahadevi Verma शून्य से टकरा कर सुकुमार करेगी पीड़ा हाहाकार, बिखर कर कन कन में …
उर तिमिरमय घर तिमिरमय -महादेवी वर्मा Ur Timirmay Ghar Timirmay – Mahadevi Verma उर तिमिरमय घर तिमिरमय, चल सजनि दीपक बार ले! राह में रो रो गये हैं, …
अश्रु यह पानी नहीं है -महादेवी वर्मा Ashru yah Pani Nahi Hai – Mahadevi Verma अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है! यह न समझो …
आओ, हम अपना मन टोवें -सुमित्रानंदन पंत Aao, Hum Apne Men Teve – Sumitranand Pant आओ, अपने मन को टोवें! व्यर्थ देह के सँग मन की भी, निर्धनता का …