Category: Hindi Poems
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से Himadri Tung Shring Se हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती। स्वयंप्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती॥ अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो। प्रशस्त …
भारत महिमा Bharat Mahima हिमालय के आँगन में उसे, प्रथम किरणों का दे उपहार । उषा ने हँस अभिनंदन किया, और पहनाया हीरक-हार ।। जगे हम, लगे जगाने …
नहुष का पतन Nahush Ka Patan मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान में व्याकुल से देव चले साथ में, विमान में पिछड़े तो वाहक विशेषता से भार की अरोही अधीर …
निरख सखी ये खंजन आए Nikrakh Sakhi ye Khanjan Aye निरख सखी ये खंजन आए फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाए फैला उनके तन का …
मुझे फूल मत मारो Mujhe Phool Mat Maro मुझे फूल मत मारो, मैं अबला बाला वियोगिनी, कुछ तो दया विचारो। होकर मधु के मीत मदन, पटु, तुम कटु गरल …
शिशिर न फिर गिरि वन में Shishir na phir giri van mein शिशिर न फिर गिरि वन में जितना माँगे पतझड़ दूँगी मैं इस निज नंदन में कितना …
कुशलगीत Kushalgati हाँ, निशान्त आया, तूने जब टेर प्रिये, कान्त, कान्त, उठो, गाया— चौँक शकुन-कुम्भ लिये हाँ, निशान्त गाया । आहा! यह अभिव्यक्ति, द्रवित सार-धार-शक्ति । तृण तृण …
गुणगान Gungaan तेरे घर के द्वार बहुत हैं, किसमें हो कर आऊं मैं? सब द्वारों पर भीड़ मची है, कैसे भीतर जाऊं मैं? द्वारपाल भय दिखलाते हैं, कुछ …