Category: Hindi Poems
छह दिसंबर Chah December इतिहास के बहुत से भ्रमों में से एक यह भी है कि महमूद ग़ज़नवी लौट गया था लौटा नहीं था वह यहीं था सैंकड़ों …
मेरा धन है स्वाधीन क़लम Mera dhan he swadheen kalam राजा बैठे सिंहासन पर, यह ताजों पर आसीन क़लम मेरा धन है स्वाधीन क़लम जिसने तलवार शिवा को दी …
देखता हूँ अँधेरे में अँधेरा Dekhta hu andhere me andhera लाल रोशनी न होने का अँधेरा नीली रोशनी न होने के अँधेरे से अलग होता है इसी तरह …
हिमालय और हम Himalaya aur hum (1) इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही । पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही ।। अंबर में …
घास Ghas बस्ती वीरानों पर यकसाँ फैल रही है घास उससे पूछा क्यों उदास हो, कुछ तो होगा खास कहाँ गए सब घोड़े, अचरज में डूबी है घास …
मेरी दुल्हन सी रातों को … Meri dulhan si rato ko बदनाम रहे बटमार मगर, घर तो रखवालों ने लूटा मेरी दुल्हन सी रातों को, नौलाख सितारों ने लूटा …
काँक्रीट Concrete आपस में सट कर फूटी कलियाँ एक दूसरे के खिलने के लिए जगह छोड़ देती हैं जगह छोड़ देती हैं गिट्टियाँ आपस में चाहे जितना सटें …
प्रार्थना बनी रही Prarthna bani rahi रोटियाँ ग़रीब की प्रार्थना बनी रही एक ही तो प्रश्न है रोटियों की पीर का पर उसे भी आसरा आँसुओं के नीर का …