Category: Hindi Poems
गिरना Girna चीज़ों के गिरने के नियम होते हैं। मनुष्यों के गिरने के कोई नियम नहीं होते। लेकिन चीज़ें कुछ भी तय नहीं कर सकतीं अपने गिरने के …
संख्याएँ Sankhyaye शब्द तो आए बहुत बाद में संख्याएँ हमारे साथ जन्म से ही हैं गर्भ में जब निर्माण हो रहा था हमारी हड्डियों का रक्तकणों और कोशिकाओं …
बदनाम रहे बटमार Badnam rahe batmar बदनाम रहे बटमार मगर, घर तो रखवालों ने लूटा मेरी दुल्हन-सी रातों को, नौ लाख सितारों ने लूटा दो दिन के रैन बसेरे …
सीढी Sidhi मुझे एक सीढ़ी की तलाश है सीढ़ी दीवार पर चढ़ने के लिए नहीं बल्कि नींव में उतरने के लिए मैं किले को जीतना नहीं उसे ध्वस्त …
अपने अपने डेरे Apne apne dere हैरान थी हिन्दी। उतनी ही सकुचाई लजायी सहमी सहमी सी खड़ी थी साहब के कमरे के बाहर इज़ाजत माँगती माँगती दुआ पी.ए. साहब …
अजीब बात Ajeeb baat जगहें खत्म हो जाती हैं जब हमारी वहॉं जाने की इच्छाएं खत्म हो जाती हैं लेकिन जिनकी इच्छाएं खत्म हो जाती हैं वे ऐसी …
दरार Darar ख़त्म हुआ ईंटों के जोड़ों का तनाव प्लास्टर पर उभर आई हल्की-सी मुस्कान दौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जल फूटने लगे अंकुर जहाँ था तनाव वहाँ …
कुछ नहीं कहते Kuch nahi kahte मैंने कहा मज़ाक बन गया है देश। उसने कहा तो तैयार हो जाओ जेल के लिए मैंने कहा मज़ाक बना दिया गया है …