Category: Hindi Poems
प्रथम छंद Pratham chand वह प्रथम छंद, बह चला उमड़ कर अनायास सब तोड़ बंध, ऋषि के स्वर में वह लोक-जगत का आदि छंद! जब तपोथली में जन-जीवन …
काँवरिया Kavariya सावन महीना बम्भोले को हिये धारि त्यागि गृह साधु-भेस धारै है कँवरिया! फूलन-बसन सों रुच-रुच सजी निहारि ग्राम-जुवती बढ़ि आई राह कोर पे, काँवर की सोभा …
चंदन क फूल Chandan ka Phool चँदन केर बिरवा मइया तोरे अँगना कइस होई चँदन क फूल! कनिया रहिल माई बाबा से कहलीं, लेइ चलो मइया के दुआर! …
भैरवी हूँ! Bheravi hu उठो भैरव, मैं तुम्हारी भैरवी हूँ! यह जगत जो कर्म का पर्याय होता, और जो कि प्रबुद्ध जीवन-मर्म का समवाय होता, रह गया है …
गंगिया री, अति दूर समुन्दर Gangiya ri ati door samunder नैहर की सुधि आई, हो गंगिया नैहर की सुधि आई! बिछुड़ गईं सब बारी भोरी! संग सहिलियां आपुन …
मेरे देश उदास न होना Mere desh udas na hona कुछ पहचाने कुछ, अनजाने दृष्य देख मन भरमा जाता, एक पहेली पसरी लगती , अपना देश याद आता …
गंगा-जमुना Ganga Jamuna नैहर की सुधि अइसी उमडल हिया माँ ब्याकुल उठे हिलकोर, आगिल क मारग बिसरली रे गंगा घूम गइलीं मइके की ओर! बेटी को खींचे रे …
अदम्य Admay धरती तल में उगी घास यों ही अनायास, पलती रही धरती के क्रोड़ में, मटीले आँचल में . हाथ-पाँव फैलाती आसपास . मौसमी फूल नहीं हूँ …