Category: Hindi Poems
पीछे छूटी हुई चीज़ें Piche chuti hui chije बिजलियों को अपनी चमक दिउखाने की इतनी जल्दी मचती थी कि अपनी आवाज़ें पीछे छोड़ आती थीं आवाज़ें आती थीं …
मेरे भी हाथों में Mere bhi hatho me मैं अंगूठा छाप होश तक नहीं जिसे बढ़े हुए नाखूनों का पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहा है जो शरण में आपकी… …
किसने कहा होगा? Kisne kaha hoga तुम मुझे खून मत दो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा। ऐसा न सुभाष ने कहा न गाँधी ने। तब किसने कहा होगा? मारा मारा …
तुम वही मन हो कि कोई दूसरे हो Tum vahi man ho ki koi dusre ho कल तुम्हें सुनसान अच्छा लग रहा था आज भीड़ें भा रही हैं …
बेटी ब्याही गई है Beti byahi gai he बेटी ब्याही गई है गंगा नहा लिए हैं माता-पिता पिता आश्वस्त हैं स्वर्ग के लिये कमाया हॆ कन्यादान का पुण्य। और …
बैठे हैं दो टीलें Bethe he do tile तनिक देर और आसपास रहें चुप रहें, उदास रहें, जाने फिर कैसी हो जाए यह शाम। एक-एक कर पीले पत्तों …
एक बची हुई खुशी Ek bachi hui khushi एक बची खुची खुशी को थैले में डाल जब लौटता है वह उसके सहारे तो ज़िन्दगी का अगला दिन पाट देता …
चट्टानें Chattane चट्टानें उड़ रही हैं बारूद के धुओं और धमाकों के साथ चट्टानों के कानों में भी उड़ती-उड़ती पड़ी तो थी अपने उड़ाए जाने की बात वे …