Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Ghati ki chinta”,”घाटी की चिन्ता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

घाटी की चिन्ता  Ghati ki chinta   सरिता जल में पैर डाल कर आँखें मूंदे, शीश झुकाए सोच रही है कब से बादल ओढ़े घाटी। कितने तीखे अनुतापों को …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Shamsher ki kavita”,” शमशेर की कविता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शमशेर की कविता  Shamsher ki kavita छुइए मगर हौले से कि यह कविता शमशेर की है । और यह जो एक-आध पाँखुरी बिखरी सी पड़ी है न? इसे भी …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Chayabhas”,”छायाभास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छायाभास  Chayabhas   बचपन में काग़ज़ पर स्याही की बूंद डाल कोने को मोड़ कर छापा बनाया जैसा रूप रेखा के इधर बना, वैसा ही ठीक उधर आया। भोर …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Sparsh geet”,”स्पर्श गीत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

स्पर्श गीत  Sparsh geet   शब्द से मुझको छुओ फिर, देह के ये स्पर्श दाहक हैं। एक झूठी जिंदगी के बोल हैं, उद्धोष हैं चल के, ये असह, ये …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Vah kissa hi kya jo chalta nahi rahe”,”वह क़िस्सा ही क्या जो चलता नहीं रहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वह क़िस्सा ही क्या जो चलता नहीं रहे  Vah kissa hi kya jo chalta nahi rahe किस्सा यूं है कि गवाह पाण्डेय – और चौंक पाण्डेयपुर का रास्ता-सारनाथ और …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Prakriti ramnik he”,”प्रकृति रमणीक है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रकृति रमणीक है  Prakriti ramnik he   प्रकृति रमणीक है। जिसने इतना ही कहा उसने संकुल सौंदर्य के घनीभूत भार को आत्मा के कंधों पर पूरा नहीं सहा! भीतर …

Hindi Poem of Divik Ramesh “Shakti bhi he akela aadmi”,”शक्ति भी है अकेला आदमी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शक्ति भी है अकेला आदमी  Shakti bhi he akela aadmi बहुत भयभीत कर सकता है एक अकेला-सा शब्द अकेला। शक्ति का जर्रा-जर्रा निकाल कर तन से झुका सकता है …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Sach hum nahi sach tum nahi”,”सच हम नहीं सच तुम नहीं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सच हम नहीं सच तुम नहीं  Sach hum nahi sach tum nahi   सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है सतत संघर्ष ही । संघर्ष से हट कर …