Category: Hindi Poems
घाटी की चिन्ता Ghati ki chinta सरिता जल में पैर डाल कर आँखें मूंदे, शीश झुकाए सोच रही है कब से बादल ओढ़े घाटी। कितने तीखे अनुतापों को …
शमशेर की कविता Shamsher ki kavita छुइए मगर हौले से कि यह कविता शमशेर की है । और यह जो एक-आध पाँखुरी बिखरी सी पड़ी है न? इसे भी …
छायाभास Chayabhas बचपन में काग़ज़ पर स्याही की बूंद डाल कोने को मोड़ कर छापा बनाया जैसा रूप रेखा के इधर बना, वैसा ही ठीक उधर आया। भोर …
स्पर्श गीत Sparsh geet शब्द से मुझको छुओ फिर, देह के ये स्पर्श दाहक हैं। एक झूठी जिंदगी के बोल हैं, उद्धोष हैं चल के, ये असह, ये …
वह क़िस्सा ही क्या जो चलता नहीं रहे Vah kissa hi kya jo chalta nahi rahe किस्सा यूं है कि गवाह पाण्डेय – और चौंक पाण्डेयपुर का रास्ता-सारनाथ और …
प्रकृति रमणीक है Prakriti ramnik he प्रकृति रमणीक है। जिसने इतना ही कहा उसने संकुल सौंदर्य के घनीभूत भार को आत्मा के कंधों पर पूरा नहीं सहा! भीतर …
शक्ति भी है अकेला आदमी Shakti bhi he akela aadmi बहुत भयभीत कर सकता है एक अकेला-सा शब्द अकेला। शक्ति का जर्रा-जर्रा निकाल कर तन से झुका सकता है …
सच हम नहीं सच तुम नहीं Sach hum nahi sach tum nahi सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है सतत संघर्ष ही । संघर्ष से हट कर …