Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Jagdish Gupt “Saanjh 17”,”साँझ-17” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-17  Saanjh 17   प्रत्येक हृदय स्पंिदत हो, मेरे कंपन की गति पर, छाले मेरी करूणा का, संदेश देश-देशान्तर।।२४१।। सापेक्ष विश्व निमिर्त है, कल्पना-कला के लेखे। यह भूमि दूसरा …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Saanjh 16”,”साँझ-16” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-16  Saanjh 16   पागलपन के धागों में,  सारी तरूनाई बुन दँू।  चंदा की चल पलकों पर,  चुपके से चुम्बन चुन दँू।।२२६।। स्वीकृत-िसंकेत तुम्हारे,  मेरे समीप तक आयें।  घन …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Chalo dekhe”,”चलो देखें…” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चलो देखें…  Chalo dekhe चलो देखें, खिड़कियों से झाँकती है धूप उठ जाएँ । सुबह की ताज़ी हवा में हम नदी के साथ थोड़ा घूम-फिर आएँ! चलो, देखें, रात-भर …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Saanjh 15”,”साँझ-15” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-15  Saanjh 15   झुक गये शिथिल दृग दोनों,  रूँध गई कंठ में वाणी।  अधरों का मधुर परस-रस,  कर सका न मुखिरत प्राणी।।२११।। कोई न जिसे पढ़ पाया,  ऐसी …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Naav ka dard”,”नाव का दर्द” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नाव का दर्द  Naav ka dard मैं नैया मेरी क़िस्मत में लिक्खे हैं दो कूल-किनारे पार उतारूँ मैं सबको मुझको ना कोई पार उतारे जीवन की संगिनी बनी है …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Saanjh 14”,”साँझ-14” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-14  Saanjh 14   यौवन की आतुरता में , ेजो भूल कभी हो जाती। जीवन भर उसकी सुधि से, दहका करती है छाती।।१९६।। तज कर यथाथर् की कटुता, कैसे …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Hum chale gye”,”हम छले गए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम छले गए  Hum chale gye हमने-तुमने जब भी चाहा द्वापर-त्रेता सब चले गए! हम छले गए! रथ नहीं रहे ना अश्व रहे ना दीर्घ रहे ना ह्र्स्व रहे …