Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Jagdish Gupt “ Saanjh 9”,”साँझ-9” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-9 Saanjh 9   नन्हीं-नन्हीं बँूदों से, शीतलता बिखर रही थी। निमर्ल जल से घुल-घुल कर, हिरयाली निखर रही थी।।१२१।। झुक गई दूब की पलकें, आँसू का भार सम्हाले। …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Dwand”,”द्वंद्व” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

द्वंद्व  Dwand रहते हैं अपने घर में उनके घर की कहते हैं मन नद्दी-नालों में कितने परनाले बहते हैं कितना पानी हुआ इकट्ठा बस्ती में आबादी में बहकर आया …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 8”,”साँझ-8” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-8  Saanjh 8   नयनों ने जैसे कोई, उत्सुक उत्सव देखा हो। श्यामल पुतली के ऊपर, बन गई एक रेखा हो।।१०६।। अमृत की प्यासी आँखें, मुख छिव तकती घूमेंगी। …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Dhup ke nakhre badhe”,”धूप के नखरे बढ़े” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

धूप के नखरे बढ़े  Dhup ke nakhre badhe शीत की अंगनाइयों में धूप के नखरे बढ़े  बीच घुटनों के धरे सिर पत्तियों के ओढ़  सपने नीम की छाया छितरकर …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 7”,”साँझ-7” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-7  Saanjh 7   खो गया गगन पलकों में, पुतली पर तम की छाया। धीरे-धीरे नयनों के – तारों में चाँद समाया।।९१र्।। विधु को छूने के पहले, पड़ी दृष्टि …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Kokh baghin ki”,”कोख बाघिन की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कोख बाघिन की  Kokh baghin ki समय में ही समय का बनकर रहूँ नींव रख दूँ या नए दिन की रात-दिन में फ़र्क कोई है कहाँ बस, उजाला बीच …

Hindi Poem of Jagdish Gupt “  Saanjh 6”,”साँझ-6” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ-6  Saanjh 6   मत मेरी आेर निहारो, मेेरी आँखें हैं सूनी। फिर सुलग उठेंगी सँासें, फिर धधक उठेगी धूनी।।७६।। धीरे-धीरे होता है, उर पर प्रहार आँसू का। नभ …