Category: Hindi Poems
साँझ-2 Saanjh 2 घन-छाया में सोती हों, ज्यों श्रमित अमा की रातें। वह केश-पाश बेसुध सा, करता समीर से बातें।।१६।। या भूल गये हो निज को, अपनी सीमा …
मछलियाँ Machliya ताल से डरती मछलियाँ जाल से डरती नहीं हैं तडफड़ाती यों- मछेरे लोच पर कुर्बान जाएँ मुटि्ठयों में फिसलतीं उद्दाम बलखाती अदाएँ स्वाद उनका जान लें सब …
साँझ-1 Saanjh 1 जिस दिन से संज्ञा आई छा गयी उदासी मन में ऊषा के दृग खुलते ही हो गयी सांझ जीवन में।।१।। मुँह उतर गया है दिन …
फिर कदम्ब फूले ! Fir kadamb fule फिर कदम्ब फूले गुच्छे-गुच्छे मन में झूले पिया कहाँ? हिया कहाँ? पूछे तुलसी चौरा, बाती बिन दिया कहाँ? हम सब कुछ भूले …
आँसू बहाकर Aansu bahakar दर्द के हम भगीरथ तप-बल बढ़ाकर नदी का उत्सव बने आँसू बहाकर उजाले की शक्ल में पसरा अँधेरा इसी करतब पर हुआ है यह सवेरा …
सब जुटे हैं Sab jute he सब जुटे हैं खिलाने में फूल गूलर के भूलकर रिश्ते पुराने प्रिया-प्रियवर के गगन के मिथ से जुड़ा है चाँद तारे तोड़ना या …
गीत की संवेदना Geet ki samvedana वैश्विक फलक पर गीत की सम्वेदना है अनमनी तुम लौट जाओ प्यार के संसार से मायाधनी यह प्रेम वह व्यवहार है जो जीत …
चिड़े की व्यथा Chide ki vyatha नये समय की चिड़िया चहकी बहकी हवा बजे मीठे स्वर सारंगी के तारों जैसी काँप रही जज़्बातों की लर छुप-छुपकर मिलती रहती है …