Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Dinesh Singh “Ran me baras karte hue”,”रण में बसर करते हुए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रण में बसर करते हुए  Ran me baras karte hue व्यूह से तो निकलना ही है समर करते हुए रण में बसर करते हुए । हाथ की तलवार में …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Me gane lagta”,”मैं गाने लगता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैं गाने लगता  Me gane lagta अक्सर क्या होता मुझको जो मन ही मन शर्माने लगता तुम रोती, मैं गाने लगता तुम घर मैं कितना खटती हो कितने हिस्सों …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Sara Ghar aag aag ho gya”,”सारा घर आग-आग हो गया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सारा घर आग-आग हो गया  Sara Ghar aag aag ho gya खिली धूप तुझको कह देने से चेहरा-चेहरा चिराग़ हो गया । तुझको चन्द्रमुखी कह दिया सारा घर आग-आग …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Naye Namune”,”नए नमूने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नए नमूने Naye Namune  कई रंग के फूल बने काँटे खिल के नई नस्ल के नये नमूने बेदिल के आड़ी-तिरछी टेढ़ी चालें पहने नई-नई सब खालें परत-दर-परत हैं पँखुरियों …

Hindi Poem of Dinesh Singh “Kisse Gulnar ke”,”क़िस्से गुलनार के” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

क़िस्से गुलनार के  Kisse Gulnar ke पीपल के पके पात पंछी पतझार के, थोड़ी ऋतु और अभी बाक़ी है उड़ने दो छंद ये बहार के । फूल-फूल अगवानी शूल, …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “November ki Dopahar”,”नवम्बर की दोपहर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नवम्बर की दोपहर  November ki Dopahar अपने हलके-फुलके उड़ते स्पर्शों से मुझको छू जाती है जार्जेट के पीले पल्ले-सी यह दोपहर नवम्बर की! आयी गयी ऋतुएँ पर वर्षों से …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Sanjh ke badal”,”साँझ के बादल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साँझ के बादल Sanjh ke badal ये अनजान नदी की नावें जादू के-से पाल उड़ाती आती  मंथर चाल। नीलम पर किरनों की साँझी एक न डोरी एक न माँझी …