Category: Hindi Poems
आँगन Aangan बरसों के बाद उसी सूने- आँगन में जाकर चुपचाप खड़े होना रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा उठना मन का कोना-कोना कोने से फिर उन्हीं सिसकियों का उठना फिर …
एक वाक्य Ek vakya चेक बुक हो पीली या लाल, दाम सिक्के हों या शोहरत – कह दो उनसे जो ख़रीदने आये हों तुम्हें हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं …
साबुत आईने Sabut aaine इस डगर पर मोह सारे तोड़ ले चुका कितने अपरिचित मोड़ पर मुझे लगता रहा हर बार कर रहा हूँ आइनों को पार दर्पणों में …
उपलब्धि Uplabdhi मैं क्या जिया? मुझको जीवन ने जिया – बूँद-बूँद कर पिया, मुझको पीकर पथ पर ख़ाली प्याले-सा छोड़ दिया मैं क्या जला? मुझको अग्नि ने छला – …
उतरी शाम Utari sham झुरमुट में दुपहरिया कुम्हलाई खोतों पर अँधियारी छाई पश्चिम की सुनहरी धुंधराई टीलों पर, तालों पर इक्के दुक्के अपने घर जाने वालों पर धीरे-धीरे उतरी …
उत्तर नहीं हूँ Uttar nahi hu उत्तर नहीं हूँ मैं प्रश्न हूँ तुम्हारा ही! नये-नये शब्दों में तुमने जो पूछा है बार-बार पर जिस पर सब के सब केवल …
अँजुरी भर धूप Anjuri bhar dhoop आँजुरी भर धूप-सा मुझे पी लो! कण-कण मुझे जी लो! जितना हुआ हूँ मैं आज तक किसी का भी – बादल नहाई घाटियों …
क्या इनका कोई अर्थ नहीं Kya inka koi arth nahi ये शामें, सब की शामें… जिनमें मैंने घबरा कर तुमको याद किया जिनमें प्यासी सीपी-सा भटका विकल हिया जाने …