Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Din Dhale ki barish”,”दिन ढले की बारिश” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दिन ढले की बारिश  Din Dhale ki barish बारिश दिन ढले की हरियाली-भीगी, बेबस, गुमसुम तुम हो और, और वही बलखाई मुद्रा कोमल शंखवाले गले की वही झुकी-मुँदी पलक …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Subhash ki Mrityu par”,”सुभाष की मृत्यु पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुभाष की मृत्यु पर  Subhash ki Mrityu par दूर देश में किसी विदेशी गगन खंड के नीचे सोये होगे तुम किरनों के तीरों की शैय्या पर मानवता के तरुण …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Dheeth chandni”,”ढीठ चांदनी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ढीठ चांदनी  Dheeth chandni आज-कल तमाम रात चांदनी जगाती है मुँह पर दे-दे छींटे अधखुले झरोखे से अन्दर आ जाती है दबे पाँव धोखे से माथा छू निंदिया उचटाती …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Prarthana ki kadi”,”प्रार्थना की कड़ी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रार्थना की कड़ी  Prarthana ki kadi प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी बाँध देती है, तुम्हारा मन, हमारा मन, फिर किसी अनजान आशीर्वाद में-डूबन मिलती मुझे राहत बड़ी! प्रात सद्य:स्नात …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Boai ka geet”,”बोआई का  गीत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बोआई का  गीत  Boai ka geet गोरी-गोरी सौंधी धरती-कारे-कारे बीज बदरा पानी दे! क्यारी-क्यारी गूंज उठा संगीत बोने वालो! नई फसल में बोओगे क्या चीज? बदरा पानी दे! मैं …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “ Tumhare charan”,”तुम्हारे चरण” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हारे चरण  Tumhare charan ये शरद के चाँद-से उजले धुले-से पाँव, मेरी गोद में! ये लहर पर नाचते ताज़े कमल की छाँव, मेरी गोद में! दो बड़े मासूम बादल, …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “ Barso ke baad usi sune aangan me”,”बरसों के बाद उसी सूने- आंगन में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बरसों के बाद उसी सूने- आंगन में  Barso ke baad usi sune aangan me बरसों के बाद उसी सूने- आँगन में जाकर चुपचाप खड़े होना रिसती-सी यादों से पिरा-पिरा …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Sham do man stithiya ”,”शाम – दो मनःस्थितियाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शाम – दो मनःस्थितियाँ Sham do man stithiya  एक: शाम है, मैं उदास हूँ शायद अजनबी लोग अभी कुछ आयें देखिए अनछुए हुए सम्पुट कौन मोती सहेजकर लायें कौन …