Category: Hindi Poems
फागुन की शाम Phagun ki sham घाट के रस्ते उस बँसवट से इक पीली-सी चिड़िया उसका कुछ अच्छा-सा नाम है! मुझे पुकारे! ताना मारे, भर आएँ, आँखड़ियाँ! उन्मन, ये …
विदा देती एक दुबली बाँह Vida deti ek dubli baah विदा देती एक दुबली बाँह सी यह मेड़ अंधेरे में छूटते चुपचाप बूढ़े पेड़ ख़त्म होने को ना आएगी …
उदास तुम Udas tum तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खँडहर के आसपास मदभरी चांदनी जगती हो! मुँह …
मौन की चादर Mon ki chadar आज पहली बार मैंने, मौन की चादर बुनी है काट दो यदि काट पाओ तार कोई एक युग से ज़िन्दगी के घोल को …
बेच दिए हैं मीठे सपने Bech diye he mithe sapne हमने तो अनुभव के हाथ बेच दिए हैं मीठे सपने सूरज के छिपने के बाद हुए बहुत मौलिक अनुवाद …
जंगल उग आए Jangal ug aaye भाव-विहग उड़ इधर-उधर दुख दाने चुग आए मन पर घनी वनस्पतियों के जंगल उग आए चीते-जैसे घात लगाए कई कुटिलताएँ मुग्ध हिरन की …
लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर Lotna padega fir fir ghar घर की देहरी पर छूट गए संवाद याद यों आएँगे यात्राएँ छोड़ बीच में ही लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर यह …
बहुत दूर डूबी पदचाप Bahut door dubi padchap गीतों के मधुमय आलाप यादों में जड़े रह गए बहुत दूर डूबी पदचाप चौराहे पड़े रह गए देखभाल लाल-हरी बत्तियाँ तुमने …