Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Phagun ki sham”,”फागुन की शाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फागुन की शाम  Phagun ki sham घाट के रस्ते उस बँसवट से इक पीली-सी चिड़िया उसका कुछ अच्छा-सा नाम है! मुझे पुकारे! ताना मारे, भर आएँ, आँखड़ियाँ! उन्मन, ये …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Vida deti ek dubli baah”,”विदा देती एक दुबली बाँह” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विदा देती एक दुबली बाँह Vida deti ek dubli baah  विदा देती एक दुबली बाँह सी यह मेड़ अंधेरे में छूटते चुपचाप बूढ़े पेड़ ख़त्म होने को ना आएगी …

Hindi Poem of Dharamvir Bharti “Udas tum”,”उदास तुम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उदास तुम  Udas tum तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खँडहर के आसपास मदभरी चांदनी जगती हो! मुँह …

Hindi Poem of Dhananjay singh “Bech diye he mithe sapne”,”बेच दिए हैं मीठे सपने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बेच दिए हैं मीठे सपने  Bech diye he mithe sapne हमने तो अनुभव के हाथ बेच दिए हैं मीठे सपने सूरज के छिपने के बाद हुए बहुत मौलिक अनुवाद …

Hindi Poem of Dhananjay singh “Jangal ug aaye”,”जंगल उग आए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जंगल उग आए  Jangal ug aaye भाव-विहग उड़ इधर-उधर दुख दाने चुग आए मन पर घनी वनस्पतियों के जंगल उग आए चीते-जैसे घात लगाए कई कुटिलताएँ मुग्ध हिरन की …

Hindi Poem of Dhananjay singh “Lotna padega fir fir ghar”,”लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर  Lotna padega fir fir ghar घर की देहरी पर छूट गए संवाद याद यों आएँगे यात्राएँ छोड़ बीच में ही लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर यह …

Hindi Poem of Dhananjay singh “Bahut door dubi padchap”,”बहुत दूर डूबी पदचाप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बहुत दूर डूबी पदचाप  Bahut door dubi padchap गीतों के मधुमय आलाप यादों में जड़े रह गए बहुत दूर डूबी पदचाप चौराहे पड़े रह गए देखभाल लाल-हरी बत्तियाँ तुमने …