Category: Hindi Poems
जो बात मेरे कान में ख़्वाबों ने कही है Jo bat mere kaan me khawabo ne kahi he जो बात मेरे कान में ख़्वाबो ने कही है वो …
आ न सकूँगा Aa na sakunga यद्यपि है स्वीकार निमंत्रण तदपि अभी मैं आ न सकूँगा फूल बनूँ, खिलकर मुरझाऊँ मेरे वश का काम नहीं है जिसके आगे पड़े …
पलकें बिछाए तो नहीं बैठीं Palke bichaye to nahi bethi कटीले शूल भी दुलरा रहे हैं पाँव को मेरे कहीं तुम पंथ पर पलकें बिछाए तो नहीं बैठीं! …
सुबह-सुबह सूरज ने पूछा Subah Subah suraj ne pucha सुबह-सुबह सूरज ने पूछा कहाँ बिताई रात कहो कोई रचना आ चुपके से कानों में बतियाई या कि नए भावों …
उनके वादे कल के हैं Unke vade kal ke he उनके वादे कल के हैं हम मेहमाँ दो पल के हैं । कहने को दो पलके हैं कितने …
दीपक जलाने आ गए हैं Deep jalane aa gye he इस तरह छाया क्षितिज पर था अन्धेरा शाम का ही रूप धर बैठा सवेरा इसलिए अब हम हृदय-दीपक जलाने …
पी जा हर अपमान Pee ja har aapman पी जा हर अपमान और कुछ चारा भी तो नहीं! तूने स्वाभिमान से जीना चाहा यही ग़लत था कहाँ पक्ष …
दिन क्यों बीत गए Din kyo beet gye कौन किसे क्या समझा पाया लिख-लिख गीत नए । दिन क्यों बीत गए! चौबारे पर दीपक धरकर बैठ गई संध्या एक-एक …