Category: Hindi Poems
कौन जाने? Kaun Jane झुक रही है भूमि बाईं ओर, फ़िर भी कौन जाने? नियति की आँखें बचाकर, आज धारा दाहिने बह जाए। जाने किस किरण-शर के वरद …
कहो कैसे हो Kaho kese ho लौट रहा हूँ मैं अतीत से देखूँ प्रथम तुम्हारे तेवर मेरे समय! कहो कैसे हो? शोर-शराबा चीख-पुकारे सड़कें भीर दुकानें होटल सब सामान …
नदी को रास्ता किसने दिखाया ? Nadi ko rasta kisne dikhaya नदी को रास्ता किसने दिखाया? सिखाया था उसे किसने कि अपनी भावना के वेग को उन्मुक्त बहने …
तुम कभी थे सूर्य Tum kabhi the surya तुम कभी थे सूर्य लेकिन अब दियों तक आ गये। थे कभी मुख्पृष्ठ पर अब हाशियों तक आ गये ॥ यवनिका …
फिर क्या होगा उसके बाद Fir kya hoga uske baad फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक होकर शिशु ने पूछा, \”माँ, क्या होगा उसके बाद?\” रवि से उज्जवल, …
आज ही होगा Aaj ho hoga मनाना चाहता है आज ही? -तो मान ले त्यौहार का दिन आज ही होगा! उमंगें यूँ अकारण ही नहीं उठतीं, न अनदेखे …
दोहे Dohe पहुँचे पूरे जोश से, ज्यों आंधी तूफान चाँदी का जूता पड़ा, तो सिल गई ज़ुबान सबने अपनी काटकर, सौंपी उन्हें जुबान सिध्द हुए वे सहन में, कितने …
संभव विडंबना भी Sambhav vidambna bhi संभव विडंबना भी है साथ नव-सृजन के उल्लास तो बढ़ेंगे, परिहास कम न होंगे अलगाव की विवशता हरदम निकट रही है इतना प्रयत्न …