Category: Hindi Poems
गरमियों की शाम Garmiyo ki sham आँधियों ही आँधियों में उड़ गया यह जेठ का जलता हुआ दिन, मुड़ गया किस ओर, कब सूरज सुबह का गदर की …
संध्या आज उदास है Sandhya aaj udas he पहले शिशु के मृत्युशोक से भरी हुई कोई माँ आँगन में बैठी खोई-सी वैसे ही बस संध्या आज उदास है रंग …
तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे Tu chanda me chandni, tu taruvar me shakha re तू चंदा मैं चांदनी, तू तरुवर मैं शाख रे तू …
देह के मस्तूल Deh ke Mastul अंजुरी-जल में प्रणय की अर्चना के फूल डूबे । ये अमलतासी अँधेरे, और कचनारी उजेरे, आयु के ऋतुरंग में सब चाह के अनुकूल …
मुझको भी राधा बना ले नंदलाल Mujhko bhi radha bana le nandlal मुझको भी राधा बना ले नंदलाल हो नंदलाल, रे नंदलाल संग संग चढ़ाऊँगी नंदजी की गैयाँ …
संध्या आज प्रसन्न है Sandhya aaj prasann he पहले शिशु के जन्म-दिवस पर शकुर भरी कोई माँ पलना झुलवाए फूली-सी वैसे ही बस संध्या आज प्रसन्न है पश्चिम के …
शिशुओं के लिए कविताएँ-3 Shishuo ke liye kavitaye 3 कंधे पर बंदूक चढ़ा कर, ज्यों ही चला सिपाही । थर-थर लगा काँपने दुश्मन, शामत आई! शामत आई!! चाचा …
पाटल-पाटल है Patal patal he किसी के स्पर्शों से मेरी देह सब पाटल-पाटल है । प्राण में जली प्रणय की लौ काम्य कौमार्य कपूर हुआ, आरती श्वास, रोम अक्षत …