Category: Hindi Poems
नोक-झोंक Nok jhonk पति खा के धतूरा, पी के भंगा, भीख माँगो रहो अध-नंगा, ऊपर से मचाये हुडदंगा, ये सिरचढी गंगा! ‘ फुलाये मुँह पारवती! ‘मेरे ससुरे से …
प्रलय-यामिनी Pralay yamini बढी आ रही,इक प्रलय की लहर ने कहा जिन्दगी से अरे यों न डर आज कितनी मधुर है प्रलय यामिनी! आज लहरें बढेंगी बुलाने तुम्हें, …
कुमार का हठ Kumar ka hath षड्मुख घूमि तीन लोकन में आइ चरन सिर नाये! स्रम से थकित आइ बइठे, देखित गणेश मुस्काये! ‘गये न तुम ,काहे से …
रुद्र-नर्तन Rudra nartan गूँजते हैं अवनि अंबर, शंख-ध्वनि की गूँज भर भर, खुल रहीं पलकें प्रलय की, छिड़ रहे विध्वंस के स्वर! सृष्टि क्रम के बाद खुलता जा …
परीक्षा Pariksha परीच्छा अहै बहुत भारी!इहाँ देखौ कौने हारी! मात-पिता के माथ नवाइल षड्मुख तुरत पयाने, चढि मयूर वाहन पल भर में हुइ गे अंतरधाने! परिल सोच में …
गगन ने धरा से कहा एक दिन Gagan ne dhara se kaha ek din गगन ने धरा से कहा एक दिन, सिर्फ पत्थर बसे हैं तुम्हारे हृदय में! …
गणपति का विवाह! Ganpati ka vivah ऋद्धि-सिद्ध हेतु वर की खोज -,बर खोजन चले विधना! दुइ कन्या गुनखानी! ‘ऋद्धि-सिद्धि दोउ जुड़वाँ बहिनी अब लौ क्वाँरी रहलीं, का सों …
बोलते पत्थर Bolte patthar बोल उछते हैं ये पत्थर! हटा कर यह सदियों की धुन्ध, और जो पडी युगों की भूल, अनगिनत अविरल काल-प्रवाह इन्हीं मे खोते जाते भूल! …