Category: Hindi Poems
यह देश हमारा Yah desh hamara यह देश हमारा इस विश्व के गगन के सितारों का सितारा ये देश हमारा ये विंध्य ये हिमालय गंगोजमन कहाँ ऐसी धरा कहाँ …
अपनी गंध नहीं बेचूंगा Apni Gandh Nahi Bechunga चाहे सभी सुमन बिक जाएं चाहे ये उपवन बिक जाएं चाहे सौ फागुन बिक जाएं पर मैं गंध नहीं बेचूंगा- …
मुक्तिकाएँ लिखें Mukatikaye likhe मुक्तिकाएँ लिखें मुक्तिकाएँ लिखें दर्द गायें लिखें.. हम लिखें धूप भी हम घटाएँ लिखें.. हास की अश्रु की सब छटाएँ लिखें.. बुद्धि की छाँव में …
जो कुटिलता से जियेंगे Jo Kutilta se jiyenge छीनकर छ्लछंद से हक पराया मारकर अम्रित पिया तो क्या पिया? हो गये बेशक अमर जी रहे अम्रित उमर लेकिन …
प्रसंग ग़लत है Prasang galat he दिया गया संदर्भ सही पर अवसर और प्रसंग ग़लत है । भाव, अमूर्त और अशरीरी वह अनुभव की वस्तु रहा है चित्र न …
गन्ने मेरे भाई! Ganne mere bhai इक्ष्वाकु वंश के आदि पुरुष गन्ने! मेरे भाई!! रेशे-रेशे में रस और रग-रग में मिठास का जस रखोगे तो प्यारे भाई गन्ने! …
छंद की अवधारणा Chand ki avdharana छंद की अवधारणा फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही …
पथहारा वक्तव्य Pathhara Vaktavya हमें पता था कि खाली हाथ और टूटे हथियार लिए शिविर में लौटना होगा: यह भी कि हम जैसे लोग कभी जीत नहीं पाए- …