Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Chandrasen Virat “ Gao ki jiye jeevan”,”गाओ कि जिये जीवन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गाओ कि जिये जीवन  Gao ki jiye jeevan गंधर्व, गीत के ओ! कबसे पुकारता हूँ आओ कि मौत सहमे, गाओ कि जिए जीवन । यह निपट अकेलापन, मन की …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Attayi ki Pratiksha 2”,”आततायी की प्रतीक्षा-2” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आततायी की प्रतीक्षा-2  Attayi ki Pratiksha 2 हम किसी और की नहीं अपनी प्रतीक्षा कर रहे हैं: हमें अपने से दूर गए अरसा हो गया और हम अब लौटना …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “Utari jaye”,”उतारी जाए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उतारी जाए  Utari jaye अब हथेली न पसारी जाए. धार पर्वत से उतारी जाए. अपनी जेबो में भरे जो पानी उसकी गर्दन पे कटारी जाए. अब वो माहौल बनाओ, …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Attayi ki Pratiksha 1 ”,”आततायी की प्रतीक्षा-1” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आततायी की प्रतीक्षा-1  Attayi ki Pratiksha 1   सभी कहते हैं कि वह आ रहा है उद्धारक, मसीहा, हाथ में जादू की अदृश्य छड़ी लिए हुए इस बार रथ …

Hindi Poem of Chandrasen Virat “Vandan mere desh”,”वंदन मेरे देश” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वंदन मेरे देश  Vandan mere desh वंदन मेरे देश – तेरा वंदन मेरे देश पूजन,अर्चन,आराधन,अभिनन्दन मेरे देश तुझसे पाई माँ की ममता और पिता का प्यार  तेरे अन्न,हवा,पानी से …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Shraf Shabdo se nahi ”,”सिर्फ शब्दों से नहीं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सिर्फ शब्दों से नहीं  Shraf Shabdo se nahi   सिर्फ शब्दों से नहीं, बिना छुए उसे छूकर, बिना चूमे उसे चूमकर बिना घेरे उसे बाँहों में घेरकर, दूर से …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Red Ribbon Express”,”रेड रिबन एक्सप्रेस” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रेड रिबन एक्सप्रेस  Red Ribbon Express रेड रिबन एक्सप्रेस घूमि रहल अछि चारू दिस अश्वमेधक घोड़ा जकाँ। घराड़ी-बरारीक देवालकें ‘आखी’ लत्ती जकाँ छेकने लाल तिकोनकें धकिया रहल छै रेड …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Gadhe andhere me ”,”गाढ़े अँधेरे में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गाढ़े अँधेरे में  Gadhe andhere me   इस गाढ़े अँधेरे में यों तो हाथ को हाथ नहीं सूझता लेकिन साफ-साफ नजर आता है: हत्यारों का बढ़ता हुआ हुजूम, उनकी …