Category: Hindi Poems
जुगनू-सा पानी Jugnu sa pani जीवन के हर पोर-पोर पर नाच रहा जुगनू-सा पानी । निकले संकल्पों के अंकुर तोड़ वर्जना की दीवारें लेकर शुभ-संदेश उड़ रहे नभ के …
फिर घर Fir ghar माँ को कैसे पता चलेगा इतने बरसों बाद हम फिर उसके घर आए हैं? कुछ पल उसको अचरज होगा चेहरे पर की धूल-कलुष से …
ब्राह्मन देवता Brahman Devta कूसक औँठी, कूसक आसन जागक उसरल माटिक बासन चुटकी भरि सिदहा क चाउर सँ पालै छी पलिबार बघुआबै अछि तैयो हमरे पर बिढ़नी-संसार। दुपहरिया धरि …
शरण्य Sharanaya शरण खोजते हुए फिर हम तुम्हारे पास ही आएँगे। नक्षत्रों में नहीं मिलेगा कहीं ठौर – देवता मुँह फेर लेंगे, स्वर्ग-नरक की भीड़ में पुरखों का …
सावन की गंगा Savan ki Ganga सावन की गंगा जैसी गदराई तेरी देह । बिन बरसे न रहेंगे अब ये काले-काले मेघ । मन की नाव बहक जाती अक्सर …
चीख़ Cheekh यह बिल्कुल मुमकिन था कि अपने को बिना जोखिम में डाले कर दूँ इंकार उस चीख़ से, जैसे आम हड़ताल के दिनों में मरघिल्ला बाबू, छुट्टी …
राज करैए छांगुर Raj Kareye Changur पाँचो आंगुर काज करैए राज करैए छांगुर आर कते दिन चलत एना पूछैए पाँचो आंगुर । कर्मक फल कहि-कहि कऽ दुपहरिया मे डिबिया …
नाच गुजरिया नाच ! Nach Gujariya Nach नाच गुजरिया नाच! कि आई कजरारी बरसात री! सतरंगे सपनों में झूमी आज अन्हरिया रात री! गरज-लरज बरसे रे! जवानी में जब …