Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Kareh dhar”,”करेह धार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

करेह धार  Kareh dhar गाम अनचिन्हार भेल, लोक अनचिन्हार चिनहै अछि मुदा आइ धरि करेह-धार ।। वैह तप्पत बाउल आर वैह कंचन पानि डेगे-डेगे लैए गोड़ दुनू छानि चिरै-चुनमुनी …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Vishvas karna chanta hu”,”विश्वास करना चाहता हूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विश्वास करना चाहता हूँ  Vishvas karna chanta hu   विश्वास करना चाहता हूँ कि जब प्रेम में अपनी पराजय पर कविता के निपट एकांत में विलाप करता हूँ तो …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Jee bhar gao”,”जी भर गाओ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जी भर गाओ  Jee bhar gao मुझ पर प्यारे शोध करो मत मुझको जी भर गाओ । चीर-फाड़ कविता के तन की अच्छी बात नहीं ख़ून-पसीने की फ़सलें मिलतीं …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “Rodi achi dahi achi”,”रौदी अछि, दाही अछि” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रौदी अछि, दाही अछि  Rodi achi dahi achi रौदी अछि, दाही अछि हमरा ले’ धैन सन। गामक तबाही अछि हमरा ले’ धैन सन। हम महान छी,चटइत तरबा इतिहास अछि …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Gadhe andhere me  ”,”गाढे अंधेरे में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गाढे अंधेरे में Gadhe andhere me    इस गाढे अंधेरे में यों तो हाथ को हाथ नहीं सूझता लेकिन साफ़-साफ़ नज़र आता है: हत्यारों का बढता हुआ हुजूम, उनकी …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Beragi Bherav”,”बैरागी भैरव” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बैरागी भैरव  Beragi Bherav बहकावे में रह मत हारिल एक बात तू गाँठ बाँध ले केवल तू ईश्वर है बाकी सब नश्वर है । ये तेरी इन्द्रियाँ, दृश्य, सुख-दुख …

Hindi Poem of Ashok Vajpayee “ Koi nahi sunta ”,”कोई नहीं सुनता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कोई नहीं सुनता  Koi nahi sunta   कोई नहीं सुनता पुकार– सुनती है कान खड़े कर सीढियों पर चौकन्नी खड़ी बिल्ली, जिसे ठीक से पता नहीं कि डर कर …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Vipada ka Shrap”,”विपटा क स्राप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विपटा क स्राप  Vipada ka Shrap सपटा सँ भेटल वरदान विपटा केर स्राप भ’ गेलै की करतै यज्ञक संकल्प उनटा जँ जाप भ’ गेलै । पाबनि-पाबनि बाँटल लोक बन्हकी …