Category: Hindi Poems
करेह धार Kareh dhar गाम अनचिन्हार भेल, लोक अनचिन्हार चिनहै अछि मुदा आइ धरि करेह-धार ।। वैह तप्पत बाउल आर वैह कंचन पानि डेगे-डेगे लैए गोड़ दुनू छानि चिरै-चुनमुनी …
विश्वास करना चाहता हूँ Vishvas karna chanta hu विश्वास करना चाहता हूँ कि जब प्रेम में अपनी पराजय पर कविता के निपट एकांत में विलाप करता हूँ तो …
जी भर गाओ Jee bhar gao मुझ पर प्यारे शोध करो मत मुझको जी भर गाओ । चीर-फाड़ कविता के तन की अच्छी बात नहीं ख़ून-पसीने की फ़सलें मिलतीं …
रौदी अछि, दाही अछि Rodi achi dahi achi रौदी अछि, दाही अछि हमरा ले’ धैन सन। गामक तबाही अछि हमरा ले’ धैन सन। हम महान छी,चटइत तरबा इतिहास अछि …
गाढे अंधेरे में Gadhe andhere me इस गाढे अंधेरे में यों तो हाथ को हाथ नहीं सूझता लेकिन साफ़-साफ़ नज़र आता है: हत्यारों का बढता हुआ हुजूम, उनकी …
बैरागी भैरव Beragi Bherav बहकावे में रह मत हारिल एक बात तू गाँठ बाँध ले केवल तू ईश्वर है बाकी सब नश्वर है । ये तेरी इन्द्रियाँ, दृश्य, सुख-दुख …
कोई नहीं सुनता Koi nahi sunta कोई नहीं सुनता पुकार– सुनती है कान खड़े कर सीढियों पर चौकन्नी खड़ी बिल्ली, जिसे ठीक से पता नहीं कि डर कर …
विपटा क स्राप Vipada ka Shrap सपटा सँ भेटल वरदान विपटा केर स्राप भ’ गेलै की करतै यज्ञक संकल्प उनटा जँ जाप भ’ गेलै । पाबनि-पाबनि बाँटल लोक बन्हकी …