Category: Hindi Poems
जूते Jute जूते वहीं थे उनमें पैर नहीं थे बीच-बीच में उनमें फफूंद लग जाता था क्योंकि कोई पहनता नहीं था निरुपयोग से वे कुछ सख़्त भी पड़ …
पता नहीं Pata nahi पता नहीं सच है कि झूठ पर लोगों का कहना है मेरे प्रेम पगे गीतों को उमर-क़ैद रहना है। ऐसी हवा बही है दिल्ली पटना …
छाता Chata छाते से बाहर ढेर सारी धूप थी छाता-भर धूप सिर पर आने से रुक गई थी तेज़ हवा को छाता अपने-भर रोक पाता था बारिश में …
जीने-मरने की! Jine marne ki जकरा तन सोनित क लैस नहि तकरा जीने-मरने की! ओकरे बात सुनै अछि पंचो जकरा हाथ गड़ाँस नीक सदा लगलैए सभ कें निम्मल देह …
ऋतुराज इक पल का Rituraj ik pal ka राजमिस्त्री से हुई क्या चूक, गारे में बीज को संबल मिला रजकण तथा जल का। तोड़कर पहरे कड़े पाबंदियों के आज …
टोकनी Tokani यकायक पता चला कि टोकनी नहीं है पहले होती थी जिसमें कई दुख और हरी-भरी सब्ज़ियाँ रखा करते थे अब नहीं है… दुख रखने की जगहें …
कोहबर Kohbar पुरइन दह सन सीतल कोहबर चानन लागल केबार हे! ताहि पैसि सुतलाह दुलहा रघुबर दुलहा संग सुतलि सुकुमारि हे! नव रंग पटिया, नवहि रंग निनिया चारू दिसि …
चल उठ नेता Chal uth neta चल उठ नेता तू छेड़ तान! क्या राष्ट्रधर्म? क्या संविधान? तू नए-नए हथकंडे ला! वश में अपने कुछ गुंडे ला! फ़िर ऊँचे-ऊँचे …