Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Ji bhar roya”,”जी भर रोया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जी भर रोया  Ji bhar roya रोज एक परिजन को खोया पाकर लम्बी उमर आज मैं जी भर रोया। जिनके साथ उठा-बैठा पर्वत-शिखरों पर उनको आया सुला दहकते अंगारों …

Hindi Poem of Ashok Anjum “  Duniya ko nai rah dikhane ke vaste”,”दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते  Duniya ko nai rah dikhane ke vaste   दुनिया को नई राह दिखने के वास्ते शूली पे छाडे कोन ज़माने के वास्ते …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Hindi Adhikari”,”हिन्दी अधिकारी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हिन्दी अधिकारी  Hindi Adhikari पीर बवर्ची भिश्ती खर हैं कहने को हम भी अफ़सर हैं । सौ-सौ प्रश्नों की बौछारें एक अकेले हम उत्तर हैं ।। इसके आगे,उसके आगे …

Hindi Poem of Ashok Anjum “  Har ek Raz kah diya bas ek jwab ne”,”हर एक राज़ कह दिया बस एक जवाब ने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हर एक राज़ कह दिया बस एक जवाब ने  Har ek Raz kah diya bas ek jwab ne हर एक राज़ कह दिया बस एक जवाब ने हमको सिखाया …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “Kashmiri pagdandi”,”कश्मीरी पगडंडी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कश्मीरी पगडंडी  Kashmiri pagdandi कभी उचककर क्षितिज चूमती कभी रसातल के पग छूती कितनी दूर अभी जाएगी अजगर-सी टेढ़ी-मेढ़ी मेरी पगडंडी! वादी की सुरमई घाटियाँ गातीं लाजू झूम, कुसुम …

Hindi Poem of Ashok Anjum “  Jindagi ka Jindagi se basta jinda rahe”,”ज़िन्दगी का ज़िन्दगी से वास्ता जिंदा रहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ज़िन्दगी का ज़िन्दगी से वास्ता जिंदा रहे  Jindagi ka Jindagi se basta jinda rahe   ज़िन्दगी का ज़िन्दगी से वास्ता जिंदा रहे हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा …

Hindi Poem of Ashok Anjum “ Jo kinch rahe maal unhi ka vasant he”,”जो खींच रहे माल उन्हीं का वसंत है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जो खींच रहे माल उन्हीं का वसंत है Jo kinch rahe maal unhi ka vasant he    जो खींच रहे माल उन्हीं का वसंत है मोटी है जिनकी खाल …

Hindi Poem of Budhinath Mishra “Hum ko yu hi pyasa chod”,”हम को यूँ ही प्यासा छोड़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लौट आओ  Lot Aao गिर रहे पत्ते चिनारों के, छतों पर सेब के बागान की किस्मत जगेगी लौट आओ,जंग से भागे परेबो मंदिरों की मूरतें हँसने लगेंगी । लौट …