Hindi Essay on “सुबह की सैर Subah ki ser”, “सुबह की सैर ” Hindi Essay for Class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes Exams.

सुबह की सैर

Subah ki ser

 

शरीर को स्वस्थ और मन को प्रसन्न रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है । सबसे सरल और उपयोगी व्यायाम है- प्रातःकाल की सैर । प्रातःकाल की सैर का आनंद ही कुछ और है ।

गर्मियों में लगभग चार-पांच बजे और सर्दियों में छह बजे का समय भ्रमण के लिए उपयुक्त है । शुरू में थोड़ी मुश्किल जरुर होती है पर फिर आनंद आने लगता है । भ्रमण के लिए पहाड़ी और हरा-भरा क्षेत्र अच्छा होता है । रमणीय प्रकृति मन को प्रसन्न कर देती है । चहचहाते पक्षी कानों में मीठा संगीत घोलते हैं। शरीर नव-स्फूर्ति से भर जाता है ।

भ्रमण से जाने से पहले शौच निवृत होना जरुरी है । ऋतू के अनुसार चुस्त कपडे पहनने चाहिए । बाग और हरी हरी घास में नंगे पांव चलना चाहिए । ज्यादा तेज नहीं चलना चाहिए । गहरी और लम्बी सांसे लेनी चाहिए । सुबह का वातावरण शुद्ध होता है । चारों ओर शांत वातावरण होता है ।

प्रातःकाल के भ्रमण से सारा दिन शरीर में चुस्ती बनी रहती है । चलने से शरीर के प्रत्येक अंग की कसरत होती है । स्वास्थ्य अच्छा रहता है और चेहरे पर तेज रहता है । भ्रमण के साथ साथ योग भी करें तो और भी अच्छा होता है । प्रातःकाल का भ्रमण स्वास्थ्य निर्माण की औषधि है ।

 

 

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