बाल स्वच्छता अभियान
Bal Swachata Abhiyan
बच्चों की ओर अपने प्यार और भक्ति के कारण भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरु के जन्म दिवस पर विशेष तौर से बाल स्वच्छता अभियान या मिशन की शुरुआत की गयी थी। चाचा नेहरु एक महान व्यक्ति थे जो बच्चों को बहुत प्यार करते थे इसी वजह से 14 नवंबर को बाल दिवस कार्यक्रम और बाल स्वच्छता अभियान का आरंभ किया गया। इस मिशन का उत्सव 14 नवंबर से 19 नवंबर तक मनाया जाता है अर्थात् भारत के पहले प्रधानमंत्री के जन्मदिवस से भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के जन्म दिवस तक।
14 नवंबर 2014 को नयी दिल्ली के मैदानगढ़ी आँगनवाड़ी में भारत की केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती मेनका गाँधी के द्वारा इस मिशन की शुरुआत की गयी थी। पूरे राष्ट्रभर के सफाई व्यवस्था के आरंभिक कार्यक्रम के रुप में इस अभियान की शुरुआत की गयी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आरंभ किया गया स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य इस अभियान के लक्ष्य से संभावित तौर पर बहुत अधिक मेल खाता है। दोनों अभियानों का उद्देश्य निकट भविष्य में एक स्वच्छ भारत की प्राप्ति है। घर, अपने आस-पास, पर्यावरण और स्कूल आदि में स्वच्छता को बनाये रखने में दूसरों को प्रोत्साहित करने के साथ ही पूरे भारत भर में स्वच्छता और सफाई व्यवस्था आरंभ करने के लिये बच्चे सबसे बेहतर माध्यम हैं।
रोजाना के जीवन में स्वच्छता को एक बड़ा भाग बनाने के साथ ही भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने के लिये चल रहे स्वच्छता अभियान में सभी स्कूलों के बच्चे सक्रियता से भाग लेते हैं। स्वच्छता एक अभियान है, जिसका उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है जब सभी भारतीय नागरिक इसमें भाग लेंगे और रोजाना स्वच्छता को बनाये रखने में अपना सर्वोत्तम योगदान देंगे। 2014 में उत्सव की तारीख के अनुसार इस पाँच दिनों के लंबे मिशन का निम्न थीम था:
14 नवंबर का थीम था “स्वच्छ स्कूल, हमारे आस-पास और खेलने के मैदान”।
15 नवंबर का थीम था “स्वच्छ भोजन”।
17 नवंबर का थीम था “आलमारियों को साफ रखे”।
18 नवंबर का थीम था “पीने के पानी की सफाई करना”।
19 नवंबर का थीम था “स्वच्छ शौचालय”।
उत्सव को अधिक उत्साहयुक्त, प्रभावकारी, लक्षित और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिये सरकार के द्वारा खास तारीखों के अलग-अलग थीम का फैसला लिया गया। सभी विद्यार्थियों ने सक्रियता से स्वच्छता अभियान में भाग लिया और आस-पास के क्षेत्रों से कूड़े को हटाने के लिये कड़े निर्देशों का अनुसरण किया। कार्यक्रम से संबंधित बहुत सारी क्रियाओं को प्रस्तुत करने के लिये अपने शिक्षकों और प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित, निर्देशित और निरीक्षण किया जाता है।