Hindi Poem of Adam Gondvi “Ved me jinka havala hashiye par bhi nahi” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं

Ved me jinka havala hashiye par bhi nahi

वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं

 वे अभागे आस्‍था विश्‍वास ले कर क्‍या करें

 लोकरंजन हो जहाँ शंबूक-वध की आड़ में

 उस व्‍यवस्‍था का घृणित इतिहास ले कर क्‍या करें

 कितना प्रगतिमान रहा भोगे हुए क्षण का इतिहास

 त्रासदी, कुंठा, घुटन, संत्रास ले कर क्‍या करें

 बुद्धिजीवी के यहाँ सूखे का मतलब और है

 ठूँठ में भी सेक्‍स का एहसास ले कर क्‍या करें

 गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे

 पारलौकिक प्‍यार का मधुमास ले कर क्‍या करें

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.