Hindi Poem of Ajay Pathak “Yamini Gati hai , “यामिनी गाती है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

यामिनी गाती है -अजय पाठक

Yamini Gati hai – Ajay Pathak

 

प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

तारों का झिलमिल पहन वसन
नीरवता लेकर गहन-गहन
कोमल-सी मधुमय वाणी में, कुछ अनबोला कह जाती है।
प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

कोमल किसलय के मंजुल स्वर
नव गीत सुनाते झर-झर-झर
पल्लव के कोमल गातों को, लो देखो वह सहलाती है।
प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

जब मौन हृदय होकर उन्मन
जलता बुझता जैसे उड्गन
नेहों के आतुर प्राणों को, नवजातक-सा बहलाती है।
प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

धरती की सुंदर डोली में,
चकवों की विरही टोली में,
किरणों से अठखेली करती, आशायें भरकर जाती है।
प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

निश्चिंत मगन जब सोता है,
एकांत भुवन में होता है,
उनींदी अँखियों में सपनों के रंगों को बरसाती है।
प्रिय सुनो! यामिनी गाती है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.